भूमाफियाओं ने ऐसे भवनों को भी किया कब्जा


सरायपाली- नगर में ऐसे कई शासकीय पुराने भवन थे, जिस भवन को तोड़कर नगर के बड़े-बड़े भूमाफियाओं ने कब्जा करके उन भवनों का नामों निशान मिटाते हुए उस स्थान पर आज बड़े बड़े इमारत खड़े कर चुके हैं। ऐसा नहीं कि इसकी जानकारी राजस्व विभाग को या संबंधित विभाग को नहीं है। इसकी शिकायत करने के बाद भी राजस्व विभाग के अधिकारी इन भूमाफियाओं से आपसी समझौता करते हुए, इन्हें क्लीन चिट दे दिया जाता है। जबकि यह भवन शासकीय भवन है, जिसमें पुराना अस्पताल, नर्स क्वाटर, रजिस्टार ऑफिस, कोड़ी खाना, हाई स्कूल, बोर्डिंग हाउस, कांजी हाउस, यहां तक की तहसीलदार भी जिस भवनों में बैठते थे, ऐसे भवनों को भी लोग फर्जी अवैध खरीदी-बिक्री करके उन पर अतिक्रमण किए हुए हैं। यदि कोई सक्षम अधिकारी इस सूची के अनुसार नगर में स्थित पूर्व के शासकीय भवनों का जांच करती है, तो नगर के भूमाफियाओं का किस प्रकार आतंक इस नगर में है वह सामने आ सकता है। यह जो सूची है, इस संपादक के द्वारा लोक निर्माण विभाग से प्राप्त किया गया है। जिस सूची के अनुसार संपादक ने इन भवनों का जांच करने पर पाया कि, यह सभी भवन पर आज भूमाफियाओं का कब्जा हो चुका है। जबकि यह सारी संपत्ति शासन की है। ऐसे शासन की संपत्ति को हड़पने वाले नगर के भूमाफियाओं के सामने राजस्व अधिकारी बौने नजर आते हैं। क्योंकि इन भूमाफियाओं की पहुंच चाहे सरकार भाजपा की हो या कांग्रेस की दोनों के नेताओं तक इनकी पहुंच है। जिस कारण ऐसे सरकारी संपत्ति पर कब्जा करने वालों पर कोई भी अधिकारी कार्यवाही करने का हिम्मत नहीं दिखाता है। यदि कोई गरीब छोटे से सरकारी भूमि पर अतिक्रमण करता है, तो उस झोपडी को यह राजस्व अधिकारी बुलडोजर से तोड़ देते हैं। जबकि बुलडोजर ऐसे भूमिफियाओं के पक्के निर्माण को तोड़ने के लिए बनाया गया है। जो भूमाफिया इस प्रकार के शासकीय भवनों को कब्जा करता है तो उनके विरुद्ध कोई कार्यवाही क्यों नहीं की जाती? कोई सक्षम अधिकारी साधुवाद से इन भूमाफियाओं के विरुद्ध सूची अनुसार शासकीय भवनों में किये गए अतिक्रमण की जांच करता है, तो ऐसे अतिक्रमणकारी जेल की सलाखों के पीछे जा सकते हैं। यदि विश्वास नहीं है, तो इस सूची के अनुसार शासकीय भवनों का जांच करके देख सकते हैं की नगर में किस प्रकार से भूमाफियाओं का आतंक चल रहा है।
चिराग की चिंगारी बजरंग लाल सेन