कांग्रेसी कुशासन की 3 साल में कानून व्यवस्था की स्थिति अजायबघर के सफेद हाथ जैसी- दीदी रूपकुमारी ओमप्रकाश चौधरी

महासमुंद- भारतीय जनता पार्टी की जिला अध्यक्ष और पूर्व संसदीय सचिव दीदी रूपकुमारी ओमप्रकाश चौधरी ने कहा है कि गड़बो नवा छत्तीसगढ़ की जुगाली करने वाली कांग्रेस की राज्य सरकार के 3 वर्षीय कुशासन में ही छत्तीसगढ़, अपराधगढ़ में तब्दील हो चुका है। भाजपा नेत्री दीदी रूपकुमारी ओमप्रकाश चौधरी के अनुसार सरकार के 3 साल के शासनकाल में ऐसा 1 दिन भी नहीं बीता है जब प्रदेश की कानून व्यवस्था को अपराधियों ने खुली चुनौती ना दी हो। चाकूबाजी, हत्या की वारदातें जब जिला मुख्यालय को ही दहला रही है तो जिले के बाकी स्थानों में अपराधों के चलते व्याप्त दहशत का अनुमान सहज लगाया जा सकता है। दीदी रूपकुमारी ओमप्रकाश चौधरी चौधरी ने कहा कि पूरा जिला अपराधियों की दहशत गर्दी से त्रस्त हो चला है। लेकिन प्रदेश सरकार इस दहशत गर्दी पर कोई अंकुश लगा पाने में नकारा साबित हुई हैं। क्या प्रदेश सरकार को अपने शासनकाल के इस निकम्मे पन पर जरा भी शर्म महसूस नहीं हो रही है? भाजपा जिलाध्यक्ष व पूर्व संसदीय सचिव दीदी रूपकुमारी ओमप्रकाश चौधरी ने स्वर्गीय विकास शर्मा के शोक संतप्त परिजनों के प्रति अपनी गहन संवेदना व्यक्त करते हुए स्वर्गीय शर्मा को अपनी भावपूर्ण श्रद्धांजलि अर्पित की और कहा कि स्मार्ट पुलिसिंग के जुमलो पर इतराती प्रदेश सरकार को इस बात पर कब शर्म महसूस होगी कि अपराधी पुलिस के नाम से भी खौफ नहीं खाते और सरेआम खूनी वारदातों को अंजाम देकर दरिंदगी और दहशत का रोज एक नया अध्याय लिखकर छत्तीसगढ़ को शर्मसार कर रहे हैं। दीदी ने कहा कि छत्तीसगढ़ में अपराधो के बढ़ते ग्राफ को लेकर कांग्रेस और प्रदेश सरकार जिस निर्लज्जता के साथ अपना बचाव करने के लिए कुतको का सहारा ले रही है, उसका और कोई शर्मनाक नमूना शायद ही देखने सुनने को मिले। ऐसा कोई अपराध नहीं बचा है, जिसे छत्तीसगढ़ में पिछले 3 साल में अंजाम ना दिया हो। नवा छत्तीसगढ़ गढ़ने वालों ने शायद नवा अपराधगढ़ गढ़ने का बीड़ा उठा लिया है। जिस प्रदेश सरकार की पुलिस के जवानों तक की जान लेने में अपराधियों का कोई हिचक ना हो रही हो उस सरकार को तो सत्ता में बने रहने का कोई अधिकार ही नहीं रह जाता। बदनियति और अपनी विफलताओं के बोझ से राजनीतिक तौर पर कुंठित नेतृत्व वाली प्रदेश सरकार कुनीतियों के चलते छत्तीसगढ़ नशे के सौदागरों की शरणस्थली बन गया है और नशाखोरी की बढ़ते लत से अपराधों में लगातार इजाफा हो रहा है। नशाखोरी और अपराधों पर नियंत्रण के प्रदेश सरकार के दावे कोरी जी लफ्फाजी ही साबित हो रहे हैं। पिछले 3 वर्षों में जिस प्रकार शराब और मादक पदार्थों का वैध अवैध व्यापार बढ़ा है, प्रदेश में बढ़ते तमाम तरह के अपराध नशे के इसी कारोबार का दुष्परिणाम है। लेकिन प्रदेश की सरकार को इन दुष्परिणामों से कोई सरोकार नहीं रह गया है और उसका पूरा ध्यान माफियाओं को खुश रख कर इस कारोबार से होने वाली कमाई और कमीशनखोरी पर ही केंद्रित है। नशाखोरी व अपराधियों के बढ़ते ग्राफ को ही क्या कांग्रेस के लोग छत्तीसगढ़ मॉडल बताकर ढिंढोरचियो की तरह बेसुरा राग नहीं अलाप रहे हैं। छत्तीसगढ़ को अपराधियों की सबसे सुरक्षित शरणस्थली बनाकर प्रदेश की सरकार अपने किन मंसूबों पर अमल रही है।
सभार
बजरंग लाल सेन