आधा दर्जन भ्रष्ट आई.ए.एस. अधिकारियों पर मुख्यमंत्री मेहरबान क्यों…?

अधिकारियोेें की पत्नियां भी मलाईदार विभागों में कैसे…….?

मयंक गुप्ता
महासमुंद / किसान मजदूर संघ के संयोजक ललित चन्द्रनाहू ने जारी प्रेस नोट में कहा है कि, प्रदेश में आगामी वर्ष 2023 में विधानसभा के चुनाव होने है। इसलिए प्रदेश के मुख्यमंत्री उड़नखटोला में सभी विधानसभा क्षेत्रों के भ्रमण में निकल पड़े है। तथा आम जनता से मुलाकात और उनकी समस्याओं से साक्षात्कार की शुरूआत मुख्यमंत्री पद के अन्य दावेदार टी.एस.सिंहदेव के प्रभाव क्षेत्र से की गयी है। जन साक्षात्कार के दौरान अनेक छोटे-बड़े शासकीय सेवकों पर मौखिक शिकायतों के जेरेसाया निलंबन की गाज गिरा दी गयी। मुख्यमंत्री द्वारा की जा रही इस अनोखी कार्यवाही पर तरह-तरह की प्रतिक्रियाएँ सामने आ रही हैैं।


प्रदेश के प्रबुद्ध एवं चिन्तनशील जनो का यह मानना है कि मुख्यमंत्री को भ्रमण में निकलने से पूर्व मंत्रालय तथा संचालनालय में ही घुसकर रहने वाले महाभ्रष्ट अधिकारियों की कारगुजारिओं की जानकारिया अनिवार्यतः प्राप्त कर लेनी थी, जिससे उन्हें यह पता चल जाता कि आई.ए.एस. कैडर के अधिकारी सुधाकर खल्को की जाँच रिपोर्ट कितने महीनो से सामान्य प्रशासन विभाग में मृत्यु को प्राप्त होने की प्रतीक्षा मेे है। वरिष्ठ आई.ए.एस. अधिकारी भुवनेश यादव की अध्यक्षता में गठित जांच दल में श्री खल्को के काले कारनामों को उजागर किया है। श्री खल्कों के विरूध्द एफ.आई.दर्ज कराने का लिखित अनुरोध भी शासन के उच्चाधिकारियों से किया जा चुका है। श्री खल्कोें हस्तशिल्प विकास तथा माटीकला बोर्ड के प्रबंध संचालक है।


इसी प्रकार नागरिक आपूर्ति निगम में हजारों करोड़ रूपये का महा घोटाला करने वाले आई.ए.एस. अधिकारी डॉ. आलोक शुक्ला तथा अनिल टुटेजा की विनती मुख्यमंत्री के निकटतम और अतिप्रिय अधिकारियों के रूप में की जा रही है। डा.आलोक शुक्ला जिस तरह से विभाग और प्रभार बाटे जा रहे है। तथा महती जिम्मेदारियां सौपी जा रही है। उससे तो ऐसा लगने लगा है कि उनसे अधिक योग्य अनुभवि महाग्यानी, तेजस्वी तथा क्षमतावान अधिकारी तीनों लोकों में कोई दूसरा नही है। डा. आलोक शुक्ला की पत्नि श्रीमती रेखा शुक्ला को नियम विरूध्द प्रतिनियुक्ति प्रदान कर उपकृत किया जा रहा है। श्रीमती शुक्ला दिल्ली की एक कंपनी में कार्य करती थी लेकिन छत्तीसगढ़ को चारागाह समझकर वह भी प्रतिनियुक्ति में खादी ग्रामोद्योग विभाग की प्रबंध संचालक बन गई। जबकि यह पद आई.ए.एस. कैडर के लिये आरक्षित है। ग्रामोद्योग बोर्ड में बैठकर वह करोडों रूपयों के वस्त्र आदि थोक मार्केट से खरीद कअन्य विभागों को सप्लाई कर रही है क्यो कि, ग्रामोद्योग बोर्ड द्वारा संचालित ईकाईयों की उत्पादन क्षमता नगन्य है। श्रीमती शुक्ला के विरूध्द शिकायत होने पर उसे कैसा बचाया जाये इस पर गंभीरता से विचार करने के बाद घोटालेबाजी की दुनिया के बेताज बादशाह डा.आलोक शुक्ला को ग्रामोद्योग विभाग का प्रमुख सचिव बना दिया गया। श्रीमती शुक्ला को नियम विरुद्ध प्रतिनियुक्ति देने वाले आई.ए.एस अधिकारी डी.डी.सिंह पर कार्यवाही न कर उसे अभयदान देने के साथ-साथ दीर्घायु होने का आशीर्वाद भी दे दिया गया।


चीटिंग बाजी में कीर्तिमान स्थापित करने वाले हिमशिखर गुप्ता (आई.ए.एस.) पुच फटकार कर नौकरी कर रहे हैं। स्वागत विहार कॉलोनी में अपने परिवार के सदस्यों के नाम अनेक प्लाट आबंटित करने वाले एक अन्य आई ए एस अधिकारी उमेश अग्रवाल राजस्व मंडल के कार्यकारी अध्यक्ष हैं द्य कृषि विभाग के अधीन संचालित चिराग योजना में तिन आई ए एस अधिकारीयों के पत्नियों / रिश्तेदार को रहस्यमयी तरीके से नौकरी दे दी गयी तथा मामला उजागर होने पर शाशन तथा प्रशासन ने रहस्यमयी चुप्पी साध ली द्य जिस तरह प्रशाश्कीय दायित्व सौंपने के लिए डॉ अलोक शुक्ल बेमिसाल मान लिए गए हैं वैसे ही चिराग की रौशनी चारो ओर फ़ैलाने के लिए आई ए एस अधिकारियो की पत्नियों / रिश्तेदार को सक्षम तथा प्रदेश की समस्त महिलाओ को अयोग्य तथा अक्षम मान लिया गया। विज्ञजनों का यह मानना है कि, इस मामले को दबाने के पीछे एक विशेष कारण है, जिससे शासन विवश है।


उल्लेखनीय तथ्य यह भी है कि, मुख्यमंत्री भ्रमण के दौरान सूरजपुर के एक आई.ए.एस. अधिकारी के कार्यालय में 10 प्रतिशत रिश्वत मांगे जाने की मौखिक शिकायत होने पर आई.ए.एस. अधिकारी का उसी दिन स्थानांतरण किया गया। 5 प्रतिशत लेने के कारण झारखण्ड में एक महिला आई.ए.एस. अधिकारी निपट गई। लेकिन प्रदेश के लोगो यह जानकारी नहीं है कि, छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले में परसेंटेज दर कितना हाई है। लोगो को कोरबा जिला परसेंटेज ज्ञात करना चाहिए द्य कोरबा जिला मामले में तो एक मंत्री की आवाज भी नक्कार खाने में टूटी की आवाज बनकर रह गई है द्य मुख्यमंत्री द्वारा क्षेत्र में भ्रमण के दौरान शासकीय सेवको को जिस तरह निलंबित किया जा रहा है, उससे यही निष्कर्ष समझदारो द्वारा निकला जा रहा है कि मंत्रालय और संचालनालय में बैठे भयावह और विशालकाय मगरमच्छो को सरक्षण और अभय प्रदान करने के लिए ही छोटी मछ्ल्यो का शिकार कर समाज को यह सन्देश देने का असफल प्रयास किया जा रहा है कि अकर्मण्य तथा रिश्वतखोर शाश्कीय सेवको के प्रति शाशन पूर्णतः कठोर तथा असहिष्णु है द्य अर्थात शाशन सब्बल चोरो को पुरस्कृत करने तथा सुई चोरो को तिरस्कृत करने की निति पर चल रही है द्य छत्तीसगढ़ सरकार मंत्रालय तथा संचालनालय में बैठकर दुकानदारी करने वाले आई ए एस अधिकारियो पर आंच ना आने देने तथा उनकी हितो की रक्षा के लिए पूरी तरह कटिबद्ध और सचेत है।

चिराग की चिंगारी
बजरंग लाल सैन दबंग

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मिल्खा सिंह ज्ञानी

एडिटर-इंडिया007न्यूज मो.+91 98279 34086

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