गीता प्रवचन , तुलसी वर्षा हवन ,तर्पण ,यज्ञ स्नान के साथ संपन्न हुआ भागवत कथा

खरोरा;—-खरोरा में चल रहे लक्ष्मी नारायण मंदिर प्रांगण में भागवत कथा के अंतिम दिन गीता प्रवचन ,तुलसी वर्षा ,हवन तर्पण यज्ञ स्नान के साथ संपन्न
कथावाचक पंडित सुरेश कुमार शर्मा ने कहा कि गीता भगवान कृष्ण के मुख से निकला हुआ, वह बीज है, जिसके द्वारा सारे वेद शास्त्र पुराण ज्ञान का सिंगार करते हैं। जिसमें गीत समाहित हो वही गीता है।
श्लोक ्् गीता गंगा च गायत्री गोविंदेति ह्रदयिस्थते।।
चतुर्गकार संयुक्ते पूर्नजन्म न विद्यते।।
मनुष्य की जब मरने की घड़ी आती है तब गीता सुनाया जाता है। और इनके श्रवण मात्र से सायुज्य मुक्ति की प्राप्ति होती है। इस गीता को हमारी भारत सरकार ने गुनाहगार को शपथ दिलाती है। और इस पावन ग़ंथ के सामने गुनाहगार सत्य बात को ही बोलता है। गीता हमारे देश के लिए धरोहर है।
यज्ञ जो हम अपने घर में करते हैं, इस यज्ञ के द्वारा देवता लोगों को भोजन प्राप्त होता है। इसीलिए यज्ञ को यज्ञ नारायण कहते हैं। साक्षात भगवान विष्णु का यज्ञ नारायण एक रूप है। यज्ञ करने से वातावरण परम पवित्र हो जाता है और मन निर्मल हो जाता है। यज्ञ के पश्चात कपिला तर्पण किया जाता है, गाय के पुंछ में गंगाजल डालकर बैतरणी नदी का रूप बनाया जाता है। और उसमें यज्ञ कर्ता को मुक्ति की प्राप्ति होती है।
करियादामा चौक लक्ष्मी नारायण मंदिर में आज श्रीमद् भागवत कथा का अंतिम दिन था। यज्ञ में गंगा स्नान करने के बाद सारी मोहल्ला में शोभायात्रा निकाला गया। जिसमें मोहल्ला की समस्त बड़े बूढ़े बच्चे जवान सब ने शोभायात्रा में भाग लिया और पंडित आचार्य सुरेश शर्मा जी का स्वागत करते हुए समस्त मुहल्लावासी गदगद हो गए। और कहा हम अपने मोहल्ले में बार-बार इस प्रकार के यज्ञ का आयोजन करते रहेंगे।
