शासकीय महाविद्यालय, खरोरा के प्राध्यापकों और स्वयंसेवकों ने सपरिवार योग किया

आठवाँ अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के पावन अवसर पर स्व. रामप्रसाद देवांगन शासकीय महाविद्यालय, खरोरा के प्राध्यापकों और स्वयंसेवकों ने सपरिवार योग किया। स्वयं सेवकों ने कपालभाति, अनुलोम-विलोम, वज्रासन, भुजंगासन, उत्तानपादासन, हलासन, शीर्षासन, भ्रामरी, उदगीत, मयूरासन, ताड़ासन, सूर्यनमस्कार आदि अनेक आसनों को कर नित्य योग करते रहने का संदेश दिया। महाविद्यालय के प्राचार्य ने सभी स्वयं सेवकों को सपरिवार नित्य योग प्राणायाम करते रहने अपील की और साथ ही इसे अधिक-से-अधिक लोगों तक प्रचारित-प्रसारित करने कहा। कार्यक्रम अधिकारी डॉ बाल्मीकि साहू ने आज के भागम-भाग भरे और भौतिकवादी जीवन में मन की शांति तथा मानोविकारों के शमन हेतु योग की उपादेयता को रेखांकित किया। शास्त्रों में कहा गया है- ‘योगश्चित्तवृत्ति निरोधा:’ अर्थात् योग हमारे मन की विकृतियों को दूर कर शांति प्रदान करता है, वैचारिक रूप से मजबूत बनाता है। इस अवसर पर महाविद्यालय परिवार के सभी सदस्यों के साथ डिगेश्वर, केतन, त्रिवेणी, कल्याणी, जितेंद्री, प्रकाश आदि अनेक स्वयं सेवकों ने योगासन किए।