छत्तीसगढ़/ कवर्धा जिला प्रशासन और एसपी की नाकामी आई सामने… जब धारा-144 लागू थी तो कैसे निकली 400-500 की संख्या में रैली ?

कवर्धा : देश में अब तक छत्तीसगढ़ प्रदेश में शांति थी. यहाँ कभी दो गुटों में विवाद जैसी स्थिति उत्पन्न नहीं हुई थी. लेकिन अब ऐसा क्या हो गया कि यहां भी अन्य राज्यों के तरह दो पक्षों में विवाद जैसी घटनाएं सामने आने लगी है.जहाँ हिन्दू-मुस्लिम,सिख,इसाई आपस में मिलकर रहते है वहा इस तरह की घटना होना आश्चर्य की बात है..

धारा-144 में सांसद और पूर्व सांसद के साथ 400-500 की संख्या में रैली

दरअसल अब कवर्धा से दो पक्षों के बीच धार्मिक झंडे को लगाने के लिए विवाद हुआ जो अब धीरे धीरे एक धार्मिक झगडे में बदल गया और जिससे छत्तीसगढ़ की शांति को भंग करने का प्रयास किया जा रहा है..यहां पिछले दो दिनों से चल रहे विवाद के बाद धारा-144 लागू की किया गया है यहां कवर्धा जिला प्रशासन एवं एसपी समेत अन्य अधिकारियों ने मोर्चा संभाले हुए थे. लेकिन इन सब अधिकारियों की मौजूदगी में कवर्धा में कुछ नेता सुबह 8 बजे 20-25 की संख्या में रैली निकली. इसके थोड़ी देर बाद सांसद और पूर्व सांसद के साथ 400-500 की संख्या में रैली निकाली गई. इसके चंद घंटों बाद ये संख्या हजारों में तब्दील हो गई. लेकिन सवाल ये है कि जब शहर में धारा 144 लागू थी तो इतनी संख्या में वहां रैली निकलती रही और जिला प्रशासन कुंभकर्णीय नींद में क्यों सोते रहे…? क्या उन्हें ये रैली नहीं दिखाई दी..? या बड़े नेताओं को देखकर वे कार्रवाई करने की हिम्मत नहीं जुटा पाएं..

क्या कवर्धा जिला प्रशासन को उत्तर प्रदेश से सबक लेना चाहिए. जहाँ धारा 144 का उलंघन करने में कांग्रेस नेता प्रियंका गाँधी को गिरफ्तार किया गया है जहाँ नियमों का हवाला देते हुए उन्होंने मुख्यमंत्री बघेल को जाने की अनुमति नहीं दी और उन्हें धरने पर बैठना पड़ा. जबकि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ये कहते रहे कि उन्हें लखीमपुर खीरी नहीं जाना है, उन्हें सीतापुर जाना है. लेकिन वहीं दूसरी तरफ धारा 144 लागू होने के बाद भी इतनी बड़ी संख्या में वहां रैली निकाली गई और तमाम अधिकारी मूकदर्शक बने रहे.

वहीँ कवर्धा के सूत्र बताते है कि रैली निकालने वाले नेताओं ने एसडीएम कार्यालय पहुंचे. वहां उन्होंने समझाइश की बात कहकर अनुमति मांगी और फिर बाद में उत्पात मचाया और जमकर तोड़फोड़ की. लेकिन सवाल ये है कि समझाइश देने वाले अधिकारी इतने नासमझ कैसे हो सकते है कि समझाइश देने के लिए सैकड़ों की संख्या में भीड़ की जरूरत नहीं बल्कि चंद लोग ही ऐसे विवाद को खत्म करने की ताकत रखते है. सूत्र बताते है कि इस रैली में आस-पास के जिले के लोग बड़ी संख्या में शामिल थे और यहां भीड़ जुटनी शुरू रात से ही हो गई थी.

Youtube

मिल्खा सिंह ज्ञानी

एडिटर-इंडिया007न्यूज मो.+91 98279 34086

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button