द्वापर युग के दुर्लभ योग में मनेगी कृष्ण जन्माष्टमी

खरोरा-: इस साल जन्माष्टमी पर कुछ ऐसे योग बन रहे हैं जो द्वापर युग में श्री कृष्ण के जन्म के समय बने थे ।खरोरा के ज्योतिषाचार्य पंडित धनंजय शर्मा के अनुसार द्वापर युग में जब श्री कृष्ण का जन्म हुआ उस समय भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी, रोहिणी नक्षत्र, वृषभ राशि का चंद्र और वार बुधवार था। इस साल उस समय जैसे तीन योग बन रहे हैं ।भादो मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी ,रोहिणी नक्षत्र और वृषभ राशि का चंद्र रहेगा ।इस बार वार सोमवार रहेगा । एक और खास बात यह है कि इस बार स्मार्त और वैष्णव संप्रदाय को मानने वाले एक ही दिन जन्माष्टमी मनाएंगे। पंडित शर्मा के अनुसार जन्माष्टमी की रात रोहिणी नक्षत्र और चंद्र वृषभ राशि में उच्च रहेगा। इस पर्व पर बाल गोपाल की विशेष पूजा करनी चाहिए ।केसर मिश्रित दूध को दक्षिणावर्ती शंख में भरकर अभिषेक करना चाहिए। माखन मिश्री का भोग तुलसी के साथ लगाएं ।धूप दीप जलाकर आरती करें ।साथ ही ध्यान रखें बाल गोपाल के साथ गो माता की छोटी सी मूर्ति जरूर रखनी चाहिए ।और गौशाला में धन और अनाज का दान भी करना चाहिए। जो लोग संतान सुख पाना चाहते हैं उन्हें जन्माष्टमी पर संतान गोपाल स्तोत्र का पाठ करना चाहिए। हरिवंश पुराण भी पाठ कर सकते हैं ।जन्माष्टमी के बाद अगले दिन नंद उत्सव मनाने की परंपरा है इस दिन बाल गोपाल का अभिषेक करना चाहिए ।
लालजी वर्मा की रिपोर्ट….