गुरु पूर्णिमा विशेष -गुरु का किया पूजन, राष्ट्र कल्याण के लिए हुआ यज्ञ।*

खरोरा:
गायत्री प्रज्ञापीठ हिरमी व भालुकोना चितावर धाम में गुरु पूर्णिमा का पर्व श्रद्धापूर्वक और उत्साह के साथ मनाया गया। ब्रम्हवादिनी बहनों ने संगीतमय वैदिक मंत्रो के साथ दीप यज्ञ में सैकडों लोगो ने आहुती समर्पित की हिरमी , मोहरा, सकलोर अंचल में मंदिरों व धार्मिक केंद्रों में गुरु पूजन किया गया। साथ ही, गुरु के महत्व पर प्रकाश डालते हुए माता-पिता का सम्मान करने की सीख दी गई।इसमें सर्वप्रथम हवन करते हुए देश में फैली कोरोना वायरस महामारी के खात्मे के लिए भगवान से प्रार्थना की गई। इसके बाद गुरुओं का सम्मान किया गया। इस मौके पर भूवन पटेल ने कहा कि गुरु के बिना मुक्ति मिलना आसान नहीं है। भक्त और भगवान के बीच गुरु एक विशेष कड़ी का काम करता है, इसलिए सभी को अपने गुरुओं का सम्मान करना चाहिए।प्रज्ञा पुत्र बुथ्देश्वर ध्रुव ने कहा कि जिसका कोई गुरु नहीं, उसका जीवन शुरू नहीं। जीवन में अज्ञान रूपी अंधकार को दूर करने के लिए एक मार्गदर्शक एवं सच्चा गुरु अवश्य होना चाहिए। शास्त्रों में गुरु को ब्रह्मा, विष्णु और महेश की उपाधि दी गई है। उन्होंने कहा कि माता-पिता भी हमारे गुरु होते हैं। उनका कभी भी दिल नहीं दुखाना चाहिए। दयाराम धुरंधर ( सेवानिवृत्त शिक्षक ) ने कहा कि गुरु शिष्य परंपरा भारतीय संस्कृति व धर्म के मूल में है। हमें अपने गुरु और माता-पिता का सम्मान करना चाहिए। उन्होंने कहा कि युवाओं को भारतीय संस्कृति को अपनाना चाहिए। इस दौरान राष्ट्र कल्याण के लिए विशेष यज्ञ भी किया गया साथ ही गायत्री प्रज्ञा पीठ परिसर में वृक्षारोपण किया । दिलेश्वर मढ़रिया ने बताया कि यज्ञ के माध्यम से राष्ट्र कल्याण के लिए कामना की गई। इस मौके पर तोरण लाल, टीकाराम साहू, छन्नू फेकर, सोनू फेकर, विशाल सिन्हा, जगदीश साहू, सरस्वती , रमा मढ़रिया , सीमा वर्मा, स्वाती पटेल,कीर्ती सिन्हा, जगमती, ज्योति, प्रज्ञा प्रियांशी तथाभालुकोना चितावर धाम दीनबंधु यादव,सनत वर्मा,रामप्रसाद गुरुजी सहित महिलाये एवम बड़ी संख्या में श्रद्धालु मौजूद रहे।- खरोरा से लालजी वर्मा की रिपोर्ट….