आपदा का अवसर कैसे बनाते हैं इस सख्श से सीखे जो करोना काल में काम न मिलने से ये काम करना चुना जो पहले से दोगुनी रकम की कमाई कर रहे हैं

डोंगरगांव।

आपदा का अवसर बनाना आप सभी ने सुना होगा लेकिन आज हम ऐसे शख्स को मिला रहे हैं जो सच साबित कर दिया कोरोना महामारी में कई लोगों की नौकरी रोजगार छुट गया उसी क्रम में दीपक साहू का भी काम धाम छुट गया जो रोजी मजदूरी काम करके दिन भर में 200 से 250 रूपये कमाता था लेकिन कोरोनाकाल में काम बंद होने से घर परिवार चलाना मुश्किल हो गया ऐसे में उनके मन उदास होने लगा लेकिन उन्होंने ठान लिया कुछ न कुछ करना है और यही सोच दीपक साहू पिता सुबेराम डोंगरगांव उम्र 37 वर्ष जो तीसरी तक पढ़ाई करने के वजह से कुछ काम करने की ललक डोंगरगांव नगर में साईकिल में घुम घुम कर दुकानों पर बजार से लेकर चौक चौराहे तक जा जाकर चाय बेचने काम करने की शुरुआत किया और आज प्रतिदिन 500 रूपये का मुनाफा कमा रहे हैं और इस काम से खुश हैं

दीपक साहू से बात करने पर उन्होंने बताया कि
कोरोनाकाल में मैं बहुत परेशान हो गया था और एक नए काम की कोशिश करने के लिए पैसे भी नहीं थे तभी मैंने अपने दोस्तों से उधारी लेकर चाय बेचने काम की शुरूआत किया और चौक चौराहा मे जा जाकर प्रतिदिन चाय बेचने की कोशिश किया और जिस का रिजल्ट मुझे शुरुआती दौर से ही अच्छा मिलने लगा मैं प्रतिदिन 800 रूपये का सामान शक्कर चाय पत्ती अदरक खरीद कर चाय बनाकर बेचता हूं मैं प्रतिदिन तीन अलग-अलग जार में डेढ़ सौ कप चाय लेकर निकलता हूं और दिन में दो बार लगभग 300 कप 5 रूपये की दर से बेच लेता हूं जिससे मुझे 1500रूपये मिल जाता है खर्चे काटकर मुझे प्रतिदिन 500 रूपये का मुनाफा होता है मैं अपने काम से बहुत खुश हूं पहले मैं दिन में 200 से 250 रूपये कमाता था लेकिन आज मेरे इंकम दोगुनी हो गई है डोंगरगांव नगर में मेरे अलावा दो और लोग इस तरह से चाय बेचते हैं और वह भी अपने इस धंधे से खुश हैं।

इको फ्रेंडली कप का उपयोग करता है दीपक
आपको बताना चाहुंगा दीपक प्लास्टिक कप का उपयोग नहीं करता है ओ बखुबी जानता है प्लास्टिक कप पर्यावरण के लिए घातक है इसलिए कागज का कप उपयोग करता है जिससे सड़ने गलने में कोई दिक्कत न हो इसीको बोलते हैं आपदा को अवसर में बदलना।
राजनांदगांव से मानसिंग की रिपोर्ट…