न्यायालय श्री अभिषेक शर्मा अपर सत्र न्यायाधीश एफटीसी राजनांदगांव छत्तीसगढ़ के द्वारा धारा 376 भारतीय दंड संहिता के अपराध से अभियुक्त अजय भूआर्य आ. स्वर्गीय तिलक भुआर्य को दोषमुक्त करने का निर्णय दिया।

अभियोजन का मामला संक्षेप में इस प्रकार है कि प्रार्थिया के द्वारा थाना डोंगरगांव जिला राजनांदगांव मैं एक लिखित आवेदन पेश कर रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि अजय कुमार पिता तिलक निवासी भँवर मला तहसील थाना लोहारा जिला बालोद जो अमृत बस सेवा सर्विस में कंडक्टर का काम करता था, जिसमें प्रार्थीया 2 वर्ष पहले राजनांदगांव के ज्वेलरी शॉप में काम करने जाती थी कि आरोपी अजय कुमार के द्वारा इस दौरान प्रार्थिया को विभिन्न प्रकार के प्रलोभन तथा धमकी चमकी देकर 6 माह तक जबरन शारीरिक संबंध बनाया जिससे वह गर्भवती हुई तथा मां बाप के डर से शादी के लिए दबाव बनाने पर उक्त व्यक्ति ने राजनांदगांव में नंदाई चौक में किराए का मकान लेकर इसे पत्नी की तरह रहने के लिए जबरदस्ती बाध्य कर दिया तथा इसी बीच डरा धमकाकर वचन पत्र बनवा कर अर्जुनी में किराए का मकान दिला कर गर्भावस्था में अकेले रहने को मजबूर किया । डिलीवरी के पश्चात भी रिपोर्ट दिनांक तक आरोपी के द्वारा कोई संपर्क नहीं करने के कारण प्रार्थीया ने रिपोर्ट दर्ज कराया था जिस पर पुलिस के द्वारा विवेचना कर प्रार्थीया व गवाहों का कथन , घटनास्थल निरीक्षण किया। प्रार्थिया का धारा 164 के तहत कथन कराया , व मामले में पीड़िता का मुलाहिजा कराया गया । संपूर्ण विवेचना एवम जांच के पश्चात पुलिस थाना डोंगरगांव के द्वारा दिनांक 23/6/ 2021 को श्रीमान न्यायिक मजिस्ट्रेट महोदय प्रथम श्रेणी राजनांदगांव छत्तीसगढ़ के समक्ष चालान प्रस्तुत किया गया । जिसकी सुनवाई न्यायालय श्री अभिषेक शर्मा अपर सत्र न्यायाधीश एफटीसी राजनांदगांव के समक्ष हुआ। समस्त अभियोजन साक्षीयो के बयान व दोनों पक्षो को सुनने के पश्चात मामले में निर्णय किया गया जिसमें न्यायालय श्री अभिषेक शर्मा अपर सत्र न्यायाधीश एफटीसी राजनादगांव महोदय के द्वारा अभियुक्त को धारा 376 (2)(ढ़) भारतीय दंड संहिता के अपराध के आरोप से दोषमुक्त किया गया ।उपरोक्त मामले की पैरवी आरोपी की ओर से महेंद्र सिंह ठाकुर अधिवक्ता ने किया।
देवेन्द्र कुमार की रिपोर्ट——




