काग्रेंस नेता के रेत मामले पर फर्जी रायल्टी पर्ची का भ्रम पैदा किया जा रहा है

खुज्जी विधायक छन्नी साहू के एक्ट्रोसिटी एक्ट में आरोपी पति से प्रदेश में सुर्खियों में आया खुज्जी विधानसभा क्षेत्र में राजनीति के साथ-साथ कूटनीति भी जमकर खेली जा रही है कांग्रेस पार्टी के झंडे के नीचे और कांग्रेस पार्टी के सिद्धांतों के साथ होने का दावा करने वाले कांग्रेसी आपस में ही विपरीत विचारधाराओं और निजी स्वार्थ के चलते गुटों में दिखाई दे रहे हैं कांग्रेस पार्टी को खुज्जी विधानसभा क्षेत्र में मजबूती के बजाएं कमजोरी ही हाथ लग रही है इसी कड़ी में देखे तो खुज्जी विधानसभा मे काग्रेंस के दो धुरंधर नेताओं के बीच लड़ाई अपने चरम सीमा पार कर चुकी है हाल ही मे खुज्जी विधायक द्वारा स्थानीय काग्रेंस नेता के रेत से भरा माजदा अपने राजनीति प्रभाव का उपयोग करते हुए माईनिंग व वन विभाग केअधिकारियों को बुलाकर अवैध रेती व फर्जी रायल्टी पर्ची बताकर वाहन को जप्ती कराकर वन विभाग के डिपो मे रखावाया गया था बाद मे 24 घन्टे के अन्दर छुरिया के काग्रेंस नेता के वाहन को बैगर कार्यवाही के छोड़ दिया गया। खबर है वाहन मालिक ने वाहन मे भरी रेत का सारा वैध कागजात सरकारी अमले के समक्ष पेश किया जिस पर जांच के बाद सही पाए जाने के बाद काग्रेंस नेता के वाहन को छोड़ दिया गया
अगर रायल्टी पर्ची फर्जी है तो प्रमाण सहित शिकायत क्यों नही
काग्रेंस नेता के जिस वाहन को विधायक द्वारा हाल ही मे छुरिया वन डिपो के पास पकड़ा था उनका आरोप है की क्षेत्र मे विधायक गुट द्वारा धटना के बाद सिन्हा के खिलाफ एफआईआर का भ्रम पैदा कर रैली व आन्दोलन कर वाहन मालिक द्वारा जो रेत का रायल्टी पर्ची से रेत लेजाया गया था उस पर्ची को पेश किया गया था उसे मीडिया के समक्ष फर्जी बताया गया सवाल ये उठता है जब इस मामले पर काग्रेंस नेता के वाहन चालक द्वारा विधायक पति के ऊपर जाति गत गाली गलौच का थाने पर शिकायत कर एफआईआर व एक्ट्रोसिटी का जुर्म कायम करवाया गया तब फर्जी रॉयल्टी के फर्जी मुद्दे के बूते अपनी छवि बचाने का प्रयास किया गया जो भी विफल रहा अगर इस आरोप मे सच्चाई है तो विधायक द्वारा अब तक फर्जी रायल्टी का इनके पास प्रमाण है तो दस्तावेज सहित इस मामले की शिकायत थाने मे क्यों दर्ज नही कराया जा रहा है। या महज भ्रम की स्थिति पैदा कर अपने आप को पाक साफ बताने का प्रयास किया जा रहा है यह ऐसा ही है की अंधा पीसे कुत्ता खाए।
देवेन्द्र कुमार की रिपोर्ट—–