रोजगार सहायक राज्य सरकार की कर्मी है*************************************

खरोरा:—-भारत सरकार ग्रामीण विकास मंत्रालय महात्मा गॉधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम अनुभाग मे आरटीआई के तहत जानकारी के अनुसार
रोजगार सहायक की नियुक्ति राज्य सरकार ने की है तथा उसका मानदेय भी राज्य सरकार ही तय करता है,रोजगार सहायक राज़्य सरकार का कर्मी है |
इसी तर्ज पर भारत के सभी राज्यों मे रोजगार सहायक का मानदेय भिन्न-भिन्न है |
केंद्र सरकार की ओर से प्रशासनीक ब्यय के लिये मिली निधियों मे से ही राज्य सरकार द्वारा वेतन (मानदेय)तय किया जाता है |
वहीं छग के मुख्यमंत्री माननीय भूपेश बघेल जी द्वारा रोजगार सहायक को केंद्र सरकार की कर्मी कह रहा है ,विगत दिनों छग प्रॉत के ग्राम रोजगार सहायक संघ द्वारा नियमितिकरण व अन्य लंबित मॉग को लेकर सौजन्य भेंट कर ज्ञापन सौंपा गया ,उस दौरान भी प्रदेश के मुखिया द्वारा ग्राम रोजगार सहायक को केंद्र सरकार का कर्मी बताकर चलता कर दिया तथा अन्य मॉगों पर विचार करने की बात कही |
मुख्यमंत्री को ये भी पता नही कि रोजगार सहायक किसका कर्मचारी है |
विदित हो कि वर्तमान सरकार अपने चुनावी वादें मे अनियमित व संविदा कर्मचारीयों को नियमितिकरण करने की वादा कर सत्ता हथिया लिया ,अब जब उक्त कर्मचारी उनकी वादों को लेकर जा रहा है तो कुछ का कुछ बोला जा रहा है ,राज्य सरकार अपने वादे से मुकर रहा है |वहीं
पूर्व राज्य सरकार डॉ रमण सिंह द्वारा पीएम आवास योजना के संचालन हेतू प्रति आवास पर दो हजार रुपये मे आवास मित्र का गठन किया ,सरकार बदलते ही आवास मित्र को हटा कर उक्त कार्य को ग्राम रोजगार सहायक को सौंप दिया वो भी फोकट नि:शुल्क राशि मे ,आखिर वर्तमान राज्य सरकार ग्राम रोजगार सहायक को क्या समझते हैं ?
राज्य सरकार रोजगार सहायक के साथ राजनिति कर रहा है |
रोजगार सहायक राज्य व केंद्र सरकार की सभी प्रमुख योजनाओं पर बराबर कार्य कर रहा है वो भी पॉच से छ:हजार के अल्प मानदेय मे |
रोजगार सहायक के साथ राज्य व केंद्र सरकार द्वारा यह उपेक्षा क्यों ?