रायपुर- आयुक्त कार्यलय भ्रष्टाचार के दल-दल मे
आयुक्त टोप्पो की जांच हो
सरायपाली जिला महासमुंद के एक किसान ने दिनांक- 22/02/2021 को पुनरीक्षण याचिका न्यायालय अपर आयुक्त संभाग रायपुर को पेश किया है कि न्यायालय अपर कलेक्टर महासमुंद के प्रकरण क्रमांक 01 ब/121 वर्ष 2019-20 में पारित आदेश दिनांक 27/01/2001 से परिवेदित होकर पुनरीक्षरण अंतर्गत धारा 50 छ.ग. भू-राजस्व संहिता का पेश किया गया। पुनरीक्षण आवेदन के साथ धारा 52(2) छ.ग. भू-राजस्व संहिता का स्थगन आवेदन मय शपथ पत्र प्रस्तुत किया गया है। प्रकरण प्रारंभिक सुनवाई हेतु नियत किया जाता है। जब स्थिति यह थी।

जिसकी सुनवाई करते हुए अपर आयुक्त रायपुर संभाग के द्वारा अगली सुनवाई स्थगन हेतु 23/02/2021 दिया था और इसी प्रकार आयुक्त महोदय के द्वारा हर हफ्ता पेशी दिया जाता रहा है। जिसपे अंतिम आदेश हेतु अपर आयुक्त श्री टोप्पो के द्वारा बिना किसान के दस्तावेजों का अवलोकन करें बिना

वो पक्षकार जिसने एक दिन भी न्यायालय का दरवाजा नहीं देखा है। 13/10/2021 को आदेश देने का पेशी दिया है उस दिन भी आदेश नहीं करते हुए और 17/10/2021 तक जब तक उक्त विवादित भूमि में भूमाफिया का निर्माण पूरा होकर शुभम मॉल संचालित होने के बाद दिनांक 26/10/2021 को श्रीमान आयुक्त ने अपर कलेक्टर महासमुंद के आदेश को दोहराते हुए किसान के आवेदन को खारिज किया है। ऐसे आयुक्त न्याय के मंदिर में बैठकर न्याय नहीं अन्याय करते है।

जिसका उदहारण है कि दिनांक- 02/11/2021 को एक पुनरीक्षण याचिका सरायपाली के सेवाराम अग्रवाल पिता बिरबंल अग्रवाल ने अपेन अधिवक्ता के माध्यम से न्यायालय अनुविभागीय अधिकारी राजस्व सरायपाली जिला महासमुंद के द्वारा अभिभाषक श्री वाय.के.ताम्रकार के माध्यम से न्यायालय अनुविभागीय अधिकारी (रा.) सरायपाली जिला महासमुंद के राजस्व प्रकरण क्रमांक 2021101120500152/16 अ/74 वर्ष 2020-21 में पारित आदेश दिनांक 29/10/2021 से पीड़ित एवं क्षुब्ध होकर छत्तीसगढ़ भू-राजस्व संहिता 1959 की धारा 50 के अंतर्गत पुनरीक्षण पेश किया गया। पुनरीक्षण आवेदन के साथ धारा 52(1) एवं (02) छ.ग. भू-राजस्व संहिता का स्थगन आवेदन मय शपथ पत्र प्रस्तुत किया गया है। पुनरक्षीण आवेदन के साथ धारा 48 छ.ग. भू-राजस्व संहिता का आवेदन पत्र प्रस्तुत किया गया है। प्रकरण प्रारंभिक सुनवाई हेतु नियत किया जाता है। मामले की सुनवाई 03/11/2021 को रखी गई। लेकिन अनुविभागीय न्यायालय का आदेश की प्रमाणित नकल अपीलार्थी को 03/10/2021 के 4 बजे प्राप्त हुआ है
लक्ष्मी माँ तेरे बिन मान न मिले आयुक्त महोदय श्री टोप्पो ने सभी कानून, कायदों को ताक पे रखते हुए न्याय की कुर्शी में बैठकर कानून की धज्जियां उड़ाते हुए अपनी निजी स्वार्थ की पूर्ति हेतू केवल 2 घन्टे में प्रकरण की सुनवाई करते हुए एक पक्षी प्रकरण में प्रस्तुत पुनरक्षीण आवेदन सूची अनुसार दस्तावेजों के परिशीलन एवं सुने गए तर्क के आधार से यह स्प्ष्ट है कि पुनरक्षीणकर्ता के द्वारा सरायपाली स्थित वादभूमि खसरा नंबर 682/1 जो कि आबादी भूमि है।

उनके पिता के द्वारा वर्ष 1962 में क्रय की गई थी जिस पर वर्तमान में पुनरीक्षणकर्ता दाखिल काबिज है। पुनरक्षीणकर्ता द्वारा विधिवत मुख्य नगरपालिका अधिकारी सरायपाली से अनुज्ञा प्राप्त कर व्यवसायिक स्थल का निर्माण किया गया है। निर्माण पूरा हो चुका है।

अनुविभागीय अधिकारी (रां) सरायपाली के द्वारा जिन आधारों पर स्थगन जारी किया गया है। वह छ.ग. भू-राजस्व संहिता 1959 के प्रावधानों के विपरीत दिया गया है। अतएव अनुविभागीय अधिकारी(रां) सरायपाली के द्वारा प्रकरण क्रमांक 2021101120500152/ 16/ अ/74 वर्ष 2020-21 में जारी स्थगन आदेश दिनांक 29/10/2021 निरस्त किया जाता है और प्रकरण को समाप्त कर दिया गया है।

जबकि यह वास्तवित मामला शासकीय भूमि के हो रहे अतिक्रमण को रोकने समन्धित था जिस निर्माण को फर्जी तरीके से नगरपालिका सरायपाली के द्वारा केवल 12 दिन में ही अनुमति दिया जाना बताया जाता है। जिस अनुमति में मुख्य नगरपालिका अधिकारी के हस्ताक्षर भी फर्जी बताए जाते है और ऐसे शासन हित के मामलों को बिना किसी जांच के संभाग आयुक्त श्री टोप्पो के द्वारा आखिर अपने स्वार्थ के पीछे शासन की करोड़ो की भूमि पर बने अवैध ट्रेडर्स को खुलने की अनुमति दी है। जिसकी लड़ाई आगे भी जारी रहेगी।
चिराग की चिंगारी
बजरंगलाल सैन