सरकारी भूमि का फर्जी बटवारा स्टाम्प शुक्ल की चोरी

सरायपाली- वार्ड क्रमांक 6 पर स्थित शासकीय भूमि खसरा नंबर 727/1,2,3,4,5 जो राजस्व अभिलेखों में शासकीय भूमि दर्ज है। उक्त भूमि को राजेश मित्तल पिता की काशीराम के द्वारा जबरन अतिक्रमण करते हुए, पीछे में बने एक डबरी को पाटकर गोदाम बनाया है। डबरी के मेड़ पर मकान बनाया है, और सामने की भूमि पर बहुत बड़ा दुकान बनाया है। जब की राजस्व नियमानुसार इस प्रकार की भूमियों पर व्यवसाय प्रयोजन हेतू उपयोग में लेना अपराध है। इस प्रकार से राजेश मित्तल के द्वारा एक षड्यंत्र करते हुए इस शासकीय भूमि को कब्जा करते हुए अतिक्रमण किया गया है। इस भूमि का एक फर्जी दस्तावेज रायपुर में बनाया गया है। जिसमें 1. रतन लाल पिता स्व. दिनालाल, 2. राजेश मित्तल पिता स्व.काशीराम, 3. पवन, गोपाल पिता स्व.मोतीलाल, 4. सत्यनारायण, बनवारी लाल, जगदीश चंद, रामचंद्र पिता स्व.बिसंबर इन लोगों ने बटवारा नामा में खसरा नंबर 682, 727 सुरक्षित आबादी, खसरा नंबर 192 गौठान की शासकीय भूमि है। जांच करने पर उक्त बटवारा नामा में और भी शासकीय भूमि निकल सकते है। उसका भी आपसी भाइयों में फर्जी बटवारा नामा बनाया गया है। अगर यह समस्त भूमि इनकी संपत्ति है, तो इसका फर्जी बटवारा नामा रायपुर में जाकर क्यों बनाया गया है? यह जांच का विषय है। इस बटवारा नामा के सहारे पटवारी और तहसीलदार से मिलकर अधिकांश शासकीय भूमि को विक्रय किया जा चुका है। जहां अवैध कॉलोनी का निर्माण किया गया है और किया जा रहा है। इसकी शिकायत अनुविभागीय अधिकारी सरायपाली से किया गया था। जिस पर अनुविभागीय अधिकारी ने उक्त मामले की जांच प्रतिवेदन हेतु तहसीलदार न्यायालय को दिया गया है। लेकिन तहसीलदार के राजेश मित्तल के साथ मधुर संबंध, उची पहुंच होने के कारण तहसीलदार ने आज तक उक्त भूमि घोटाले की जांच नहीं की है और मामला को धूल की परतों में दबा दिया गया है। अगर समय रहते ऐसे भूमाफियाओं पर राजस्व अधिकारी कोई कार्यवाही नहीं करते है, तो आगे चलकर इस प्रकार से भूमाफियाओं के हौसले और बुलंद हो सकते है। वैसे भी बटवारा नामा में इन्होंने अपना पूरा पता सरायपाली का बताया है, जो पता भी फर्जी है। क्योंकि इसमें राजेश मित्तल और सत्यनारायण ही सरायपाली में निवास करते है, बाकी सब रायपुर में है। जो सरायपाली की शासकीय भूमि को बेचकर रायपुर में छुपे हुए है। राजस्व विभाग को चाहिए कि इस प्रकार के भूमाफियाओं पर नियमानुसार कार्यवाही करते हुए कब्जा किये गए सरकारी भूमि से बेदखल करते हुए, शासकीय भूमि की रक्षा करे। क्योंकि बहुत जल्द सरायपाली जिला बनने वाला है और शासन को इस प्रकार की सरकारी भूमि की आवश्यकता होने वाली है।
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