*अमर बेल की तरह पंचायतों में बढ़ रहा है भ्रष्टाचार*

*सरायपाली– अनुविभागीय क्षेत्र सरायपाली, बसना जनपद पंचायत में भ्रष्टाचार का खुलम खुला चल रहा है खेल। सरायपाली में 107 पंचायत और बसना विकासखंड में 101 पंचायत है। इन पंचायतों में ग्राम के सरपंच और सचिव मिलकर शासन की तमाम योजनाओं की प्राप्त राशि को अपने निजी विकास कार्यो में लगा रहे है। बदले में फर्जी विकास कार्य कागजों में पूर्ण बताते है। ऐसे कार्य करने वाले सचिव आज एक ही पंचायत में कई-कई वर्षों से अंगद की पॉव की तरह जमे हुए है। इनमें ऐसे भी नामी, ग्रामी सचिव है जो अतिरिक्त प्रभार लेकर दो-दो पंचायतों में बैठकर मलाई खा रहे है। अगर ऐसे पंचायतों की जांच लेखा-जोखा ग्राम सभा करवा कर किया जाता है तो पंचायत को प्राप्त विकास कार्यों की राशि में किये गए सचिव, सरपंच के काले करतूत सामने आ सकते है। यदि इन नामी, ग्रामी सचिवों को प्राप्त 13, 14, 15वे वृत्ति की राशि जो पंचायतों को प्राप्त हुई है। केवल विकास कार्य मे खर्च किये गए प्राप्त राशि का बिल वाउचर लेखा-जोखा का सत्यापन भी कोई सक्षम अधिकारी करता है तो उससे उजागर होगा कि किस प्रकार से इन्होंने पंचायत की विकास की राशि का बंदरबाट किया है, फर्जी बिल वाउचर बनाके। इन्ही सरपंच, सचिवों के द्वारा पंचायतो में चल रहे भ्रष्टाचार को उजागर नहीं होने देने पर तमाम अखबार वालों को पंचायत मद का पैसा विज्ञापनों के नाम पर दिया जाता
है। अगर हमारे समाचार में विश्वास न हो तो उन पंचायतों में जांच किया जाए जहाँ 10-10 साल से एक ही सचिव पदस्त है और छोटी सी शुरुवात ग्राम पंचायत आंवलचक्का, मोहनमुडा, पाटसेन्द्री, अमरकोट, बानिगिरलो, बैदपाली, चारभाटा, सिंघोडा, पुटका, भोटलडीह, कुटेला, सानपंधी, परसदा, अर्जुन्दा, सिर्बोडा, दर्राभाटा, माधवपाली, अन्तला, जगलबेडा जैसे पंचायतों का साधुवाद से जांच किया जाता है तो पंचायतों में किस प्रकार का भ्रष्टाचार का अमर बेल लगा हुआ है, यह जांच से सामने आ सकता है कि सरपंच, सचिव ने मिलकर किस तरह पंचायतो को प्राप्त विकास की राशि को अपने विकास में लगाया है। जिसकी जांच उपरांत सरपंच, सचिव के विरुद्ध नियम अनुसार कार्यवाही होना सुनिश्चित है।
*चिराग की चिंगारी* बजरंग लाल सेन