हाथी के मुंह मे चीटी का दाना
खाद की काला बाज़ारी जोरो पर

सरायपाली- वर्तमान में किसान भाई अपने खेतों में रबी फसल लगा चुके हैं और अंकुर निकलना चालू हो चुका है। किसान दवाई मार रहे हैं। लेकिन किसानों को वर्तमान में खाद नहीं मिलने के कारण उन्हें उन व्यपारियों से जो जानबूझकर किसानों को कई गुना अधिक दामों पर बेच के खाद का कालाबजारी का धंधा बड़े जोरो से इन दिनों फल फूल रहा है। ऐसे नहीं की इन व्यपारियों के पास खाद का स्टॉक नहीं है। यदि कोई सक्षम कृषि अधिकारी के साथ ही अन्य अधिकारी नगर के आसपास बने इन व्यपारियों के गोदाम का सत्यापन और इनके दुकान का स्टॉक रजिस्टर की जांच करता है तो इन व्यपारियों के द्वारा कालाबाज़ारी करने के लिए रखे गए अवैध रूप से कई-कई हज़ार बोरा खाद इन व्यपारियों के पास मिल सकते है। लेकिन इन कृषि अधिकारी और कालाबाज़ारी करने वाले खाद व्यपारी की मिली भगत से ही इस प्रकार का काला कारनामा आज कई दिनों से चल रहा है। पिछले दिनों इसकी शिकायत अनुविभागीय अधिकारी श्रीमती नम्रता जैन से की थी। वैसे भी अनुविभागीय अधिकारी के द्वारा कई बार इन कालाबाज़ारी करने वाले खाद व्यपारियों को पकड़ा था। जिन पर नियम अनुसार कार्यवाही भी होना बताया जाता है। उसके उपरांत भी आज के समय ये कालाबाज़ारी का कार्य थमने का नाम नहीं ले रही है। किसान कहते है कि अगर सरकार की नीयत सही है तो इन व्यपारियों के गोदामो में छापा मार कार्यवाही करती है तो और जितने अवैध रूप से रखे खाद प्राप्त होते है, उससे किसानों की समस्या का समाधान हो सकता है और खाद की किल्लत दूर हो सकती है। वैसे तो आज शासन के आदेश पर व्यपारियों के द्वारा वन विभाग के रेस्टहाउस में खाद का वितरण किया गया है। जिसमें किसान कह रहे थे कि हाथी के मुह में चींटी का दाना क्योंकि एक ट्रक खाद की वितरण के नाम पर सैकड़ो किसानों को दिन भर इंतज़ार करना पड़ा है। शासन के अधिकारियों पर कुछ किसान सक कर रहे है कि जो व्यपारी वर्तमान में खाद का वितरण करके जिस मशीन में थम और आधार कार्ड लिया जा रहा है। वह कही चार बोरा खाद का चालीस तो दर्ज नहीं किया जा रहा है। यह जांच का विषय है।
चिराग की चिंगारी
बजरंग लाल सैन