आखिर कौन करेगा इन वृक्षों की रक्षा?????

सरायपाली आखिर इतने बेरहमी से काटे जा रहे है कि लकड़ी लाखों की जो नगरपालिका क्षेत्र मैन रोड पर कट रहे है वे लकड़ी जाते कहां है? विशाल विशाल हरे भरे निम, पीपल, बढ़, गुलमोहर, आम, करण आदि कई प्रजातियां के वृक्ष आज वर्षों से लगे हुए हैं। इन वृक्षों के सामने आ रहे दुकान मकान के सामने बहुत सुंदर छाया रहती है। जहां लोग आने जाने वाले राहगीर विश्राम भी करते हैं। गर्मी के दिनों में कुछ स्थानों पर गरीब तबके के लोग ऐसे झाडो के नीचे बैठकर अपनी रोजी-रोटी कमाते हैं। लेकिन कुछ लोगों के द्वारा ऐसे विशाल वृक्षों को जानबूझकर छुट्टी के दिन अधिकारियों से आपस में सांठगांठ करते हुए ऐसे बड़े-बड़े हरे भरे वृक्षों को काट दिया जा रहा है। इसकी जानकारी संबंधित विभागों के अधिकारियों को देने के बाद भी यह सभी अधिकारी कहते हैं कि यह नगर पालिका क्षेत्र का अधिकार है, नगर पालिका कहती है फॉरेस्ट क्षेत्र अधिकार है, फॉरेस्ट कहती है यह राजस्व का मामला है और राजस्व कहती है यह लोक निर्माण विभाग का मामला है और ऐसे होने के कारण ही ऐसे हरे भरे पेड़ लोग बिना किसी डर भय के काट रहे हैं। कुछ दिन पहले पेट्रोल पंप के पास एक करण के पेड़ को काट दिया गया, पीपल के पेड़ को काट दिया गया, शीशम के पेड़ को काट दिया गया। मुकेश ट्रेडिंग के सामने एक बहुत बड़े नीम के पेड़ को काट दिया गया और वर्तमान में भाग्यलक्ष्मी ज्वेलर्स के सामने एक हरे-भरे नीम के पेड़ को जेसीबी मशीन लगाकर कटवा दिया गया। इसकी जानकारी देने के बाद भी कोई भी विभाग का अधिकारी ऐसे दबंग लोगों पर कार्यवाही नहीं करना नगर क्षेत्र में एक चर्चा का विषय बना हुआ है। यदि इनके स्थान पर कोई गरीब व्यक्ति एक छोटा सा झाड़ काट देता है तो वह जेल के पीछे होता है और इतने बड़े हरे भरे वृक्ष को काटने वाले पर कार्यवाही नहीं होना अनेक संदेह को जन्म देते हुए इस पेड़ से प्राप्त लाखों की नीम एवं अन्य प्रजाती की लकड़ी वर्तमान में किस विभाग के पास में है? इसकी भी जानकारी किसी भी विभाग के पास नहीं है। आखिर यह लाखों की लकड़ी गई कहां? वही दूसरी ओर सरकार पर्यावरण दिवस मनाने के लिए करोड़ों रुपए, अरबों रुपए पानी की तरह बहा रही है और लोग इस प्रकार से पुराने लगाए पर्यावरण को बर्बाद करने के लिए अधिकारियों के सहयोग से एक अपराध कर रहे हैं।
चिराग की चिंगारी
बजरंग लाल सेन