सरकारी मकानों का मोह कब तक छूटेगा..किया विभाग के उच्च अधिकारियों का संरक्षण इन पर मेहरबान कब तक



रायगढ़.. पुलिस लाईन में स्थित शासकीय मकानों को विभागीय कर्मचारियों द्वारा कई वर्षो से काबिज कर रखे हुए है जिन्हे उस मकान की जरूरत है वह जहा ताहा मकान किराए में ले रहा है और जिनका स्वय का मकान होते हुए भी इस शासकीय मकान में कई वर्षो से कब्जा जमाए बैठे हुए है
इसके पूर्व समाचार प्रकाशित होने तुरंत बाद तत्कालीन एस पी साहब द्वारा आदेश जारी कर यह फरमान निकाला गया था की जिस किसी भी कर्मचारी किसी भी पोस्ट में यहां पदस्त है और उनका स्वय का मकान रहते हुए अगर शासकीय मकान में कब्जा जमाए बैठे है तो उन को तत्काल मकान खाली कर जरूरत मद को प्रदान किया जाय
परंतु अभी तक इस आदेश को किसी प्रकार का पालन नहीं किया गया है आदेश के तत्काल बाद एस पी साहब जी का ट्रांसफर हो जाने के बाद इस आदेश को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया या फिर इस पर अमल नहीं किया गया नए पुलिस कप्तान इस पर क्या कार्यवाही करते है यह अब देखना है
अगर सही तरीके से इसकी जांच करवाई जाए तो आधे से अधिक लोगो का मकान रहते हुए इस शासकीय मकान पर काबिज मिलेंगे ये अपने निजी मकानों को ऊंचे ऊंचे किराए पर लगाकर आराम से शासकीय मकानों में जमे हुए है
कई लोग तो छोटे ओहदे में रहते हुए भी अपने आप को किसी अधिकारी से कम नहीं समझते शायद उन पर किसी की छत्र छाया जरूर मेहरबान है
कई बार सूचना नोटिस मिलने के बावजूद भी मकान को नही छोड़ना अनेक संदेहों को उजागर करता है यहां के कई लोगो ने बड़े बड़े निजी मकान बनाकर किराए में डालकर मोटी कमाई कर रहे हैं पर विभाग मौन है किया इस की जांच नही होनी चाहिए । एक जवाबदार अधिकारी को इस सब को जरूर संज्ञान में लेना चाहिए