भूपेश बघेल की किसान विरोधी नीति ने एक और किसान भाई की जान ली ….

युवा कृषक भाई सुरेश नेताम की जान सिर्फ और सिर्फ इस सरकार की खराब व्यस्था ने ली है। अचानक ऐसे धान के रकबे में हुई कटौती प्रदेश के हर किसान भाई को आहत कर देगी। वर्तमान सरकार के इस लाचार व्यवस्था के कारण और न जाने कितने सुरेश जैसे भाई को और जान गवानी पड़ेगी, फिर भी इस तानाशाही सरकार को कोई फर्क नही पड़ेगा, पड़ेगा भी कैसे ये तो AC की हवा खाने वाले किसान है इनके ऊपर न ही कोई कर्ज है ना ही इनको कोई परेशानी है। परेशानी तो भाई सुरेश जैसे छोटे किसानो को है जो इस लाचार व्यस्था के हाथो सूली पर चढ़ गया।
वर्तमान सरकार के खराब व्यस्था के कारण ही अधिकारी और कर्मचारियों के मन से गलत काम करने का डर खत्म हो गया है यहां जो जितना गलत काम करेगा उसको उतना ही ज्यादा प्रोमोशन मिलेगा। सरकार को चाहिये कि जिम्मेदार अधिकारी को उसी रात बर्खास्त कर देना चाहिए, पर आला अधिकारी किसी न किसी मंत्री या फिर नेता की सरण में जाकर बैठ गया होगा जिससे उसका कोई कुछ भी नही कर पायेगा।
इतनी खराब व्यवस्था आजतक छत्तीसगढ़ के इतिहास में कभी देखने को नही मिली थी राज्य का हर वर्ग परेशान है, राज्य का हर वर्ग आज सड़क पर आकर धरना दे रहा है या सरकार के खिलाफ रैली निकाल रहा है इसके बावजूद भी मुख्यमंत्री जी को होश नहीं आया है आएगा भी कैसे वो तो अपनी कुर्सी बचाने के लिए आलाकमान को खुश करने में लगे हुए है।
दूसरे प्रदेश जाकर 50लाख देकर आ सकते है पर खुद कर राज्य के किसान को पैसा कभी नही देंगे अरे साहब ये तो उसके हक का पैसा था जिसको आपने छीनने की कोशिश की और बेचारे किसान की जान भी ले लिए। अब कौन ख्याल रखेगा उसके परिवार का, आपने तो परिवार सजाने का वादा किया था पर उसके विपरीत आप तो परिवार उजाड़ने का काम कर रहे है।
देवेन्द्र की रिपोर्ट डोंगर गांव—-