छत्तीसगढ़ हाथी के साथ सेल्फी खींचने और देखने के चक्कर में जा रही है जान : वन मंत्री अकबर

रायपुर : छत्तीसगढ़ में हाथियों का उत्पात रोकने की जगह अब वन विभाग उसके रास्ते में जा रहे लोगों को रोकेगा। इसके लिए लोगों को वन्य जीव कानून के तहत गिरफ्तार करने की तैयारी है। वन मंत्री मोहम्मद अकबर ने कहा, हाथी के साथ सेल्फी खींचने और हाथी दलों को देखने के चक्कर में लोगों की जान जा रही है। प्रदेश में हाथियों का उत्पात बढ़ने और लगातार लोगों की मौत के बाद वन मंत्री मोहम्मद अकबर ने आज वन विभाग के अधिकारियों की बैठक बुलाई। इस दौरान उन्होंने हाथी के पास तथा उनके आने-जाने के रास्ते में मनाही के बावजूद जान-बूझकर आवाजाही करने वाले व्यक्ति के खिलाफ अब वन्य प्राणी संरक्षण अधिनियम के तहत गिरफ्तार करने के निर्देश दिए।
बैठक में हुए फैसलों की जानकारी देते हुए वन मंत्री माेहम्मद अकबर ने कहा, प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों में इस समय 266 हाथियों के 14 दल विचरण कर रहे हैं। जहां-जहां उनका विचरण चल रहा है, उन गांवों और उसके आसपास के गांवों में वन विभाग विभिन्न माध्यमों से लोगों को एलर्ट कर रहा है। अम्बिकापुर में वन विभाग की ओर से मना करने के बाद भी दो लोग मोटरसाइकिल पर बैठकर निकले। उनको पकड़कर रोक लिए होते तो शायद वह घटना नहीं घटी होती। इसी तरह की घटना महासमुंद में हुई थी। जहां-जहां से भी ऐसी घटना की जानकारी आई है उसमें यही आया है कि मना करने के बावजूद हाथी देखने और सेल्फी लेने के चक्कर में लोग हाथी के पास चले जाते हैं। अब तक वन विभाग की तरफ से केवल समझाया जाता था। अब वन विभाग ऐसे मामलों में कार्रवाई करेगा। वन्य जीव अधिनियम में इसके लिए गिरफ्तारी आदि के प्रावधान हैं। लोगों को रोकने के लिए उसका इस्तेमाल किया जाएगा।
वन मंत्री ने जंगली हाथियों के दल की निगरानी बढ़ाने के भी निर्देश दिए हैं। उन्होंने वन विभाग से हाथी दलों के नामकरण का प्रस्ताव मांगा है। कहा गया, दलों का नामकरण होने से उनकी निगरानी और उनके बारे में सूचना प्रसारित करने में आसानी होगी। बताया गया कि इन दलों में से 12 हाथियों को रेडियो कॉलर भी पहनाया जाना है। वहीँ अधिकारियों ने बताया, जंगली हाथियों के आगमन की पूर्व सूचना गांव में वायरलेस, मोबाइल तथा माइक आदि के माध्यम से मुनादी कर दी जा रही है। हाथी विचरण क्षेत्र और आसपास के ग्रामीणों को हाथियों के व्यवहार के बारे में प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है। वन मंत्री ने प्रभावित ग्रामीणों को समय पर मुआवजे का भुगतान करने का भी निर्देश दिया।