केंद्र सरकार के कार्यक्रम में केंद्र के खिलाफ भड़के सीएम भूपेश: बघेल ने कहा- मोदी सरकार के मंत्री मिलने का नहीं दे रहे समय, केंद्र की लेटलतीफी से विकास में हो रही परेशानी

रायपुर. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने मंगलवार को राजधानी रायपुर में दो दिवसीय वाणिज्य उत्सव का शुभारंभ किया. इस अवसर पर उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में प्राकृतिक संसाधन और सभी खनिज अधिक मात्रा में उपलब्ध है. यहां उद्योग और व्यापार की असीम संभावनाएं है. इसी बीच सीएम भूपेश बघेल केंद्र सरकार के कार्यक्रम में केंद्र के खिलाफ भड़क पड़े. उन्होंने कहा कि हम गोबर से बिजली बनाने की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं, लेकिन केंद्र सरकार अनुमति देने में कतरा रही है. अनुमति देने में देरी कर रही है.

इस दौरान सीएम भूपेश बघेल ने कहा कि केंद्र सरकार से सहयोग नहीं मिल रहा है. अनुमति भी देने में केंद्र सरकार दिक्कत कर रही है. केंद्रीय मंत्रियों से मिलने का समय नहीं मिल रहा है. वहीं अधिकरियों से कहा कि हो सकता है आपकी वजह से मिलने का समय मिल जाये. उन्होंने कहा कि मेरी कड़वी बातों को अन्यथा ना लें अधिकारी.

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इस मौके पर छत्तीसगढ़ राज्य की नई औद्योगिक नीति 2019-24 का उल्लेख करते हुए कहा कि हमने राज्य में उद्योग को बढ़ावा देने के लिए उद्यमियों को कई तरह की सहूलियत देने का प्रावधान किया है. जिसके चलते राज्य में बेहतर औद्योगिक वातावरण का निर्माण हुआ है. औद्योगिक संस्थानों और उद्यमियों से 140 एमओयू हुए हैं, जिसमें 65 हजार करोड़ रूपए का निवेश होगा. मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में कृषि एवं वनोपज आधारित उद्योग को बढ़ावा देने का काम किया जा रहा है.

उद्यमियों को छत्तीसगढ़ में राज्य सरकार हर संभव मदद दे रही है. उन्होंने कहा कि देश के 700 बिलियन यूएस डॉलर के निर्यात में छत्तीसगढ़ भी अपनी बेहतर भागीदारी निभा सके, इसके लिए जरूरी है कि लघु वनोपज के निर्यात को बढ़ावा देने के साथ ही एयर कार्गाे की सुविधा उपलब्ध हो. मुख्यमंत्री ने इस मौके पर बाम्बू द ग्रीन गोल्ड पुस्तक का विमोचन किया.

कार्यक्रम को वाणिज्य व उद्योग मंत्री कवासी लखमा ने सम्बोधित करते हुए कहा कि कृषि एवं वनोपज आधारित उद्योगों के लिए छत्तीसगढ़ सरकार ने विशेष पैकेज का प्रावधान किया है. फूड पार्क की स्थापना की प्रक्रिया जारी है. उन्होंने निर्यात को बढ़ावा देने के लिए छत्तीसगढ़ में एक्सपोर्ट ऑफिस की स्थापना किए जाने का आग्रह भारत सरकार के विदेश व्यापार महानिदेशालय से किया है.

मुख्य सचिव अमिताभ जैन ने कहा कि निर्यात को बढ़ावा देने के लिए दो बाते जरूरी है. पहला उत्पाद की लागत कम हो और दूसरा क्वालिटी बेस्ट होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि हम सबकी यह जिम्मेदारी है कि हम उद्यमियों को हर संभव मदद और सुविधाएं उपलब्ध कराए. यदि हम ऐसा करते है, तो राज्य में उद्योग को बढ़ावा देने के लिए उद्यमी ही हमारे ब्रांड एम्बेसडर हो जाएंगे.

कार्यक्रम को वाणिज्य मंत्रालय भारत सरकार के ओएसडी विकास चौबे, प्रमुख सचिव उद्योग मनोज पिंगुआ ने सम्बोधित किया और कहा कि देश के निर्यात क्षमता को बढ़ाने में उद्यमियों का सहयोग जरूरी है. पिंगुआ ने कहा कि छत्तीसगढ़ का निर्यात वर्ष 2019-20 में 9,068 करोड़ रूपए था, जो वर्ष 2020-21 में बढ़कर 17,200 करोड़ रूपए हो गया है. छत्तीसगढ़ राज्य निर्यात के क्षेत्र में लगातार प्रगति कर रहा है. उन्होंने राज्य में उद्योग एवं व्यापार को बढ़ावा दिए जाने के लिए किए जा रहे प्रयासों से विस्तार से जानकारी दी.

वाणिज्य उत्सव में छत्तीसगढ़ से स्टील, कृषि और वनोपज की प्रोसेसिंग से तैयार उत्पाद सहित विभिन्न क्षेत्रों की निर्यातोन्मुखी उद्यौगिक इकाईयों के उद्यमी और उनके प्रतिनिधि शामिल हुए. इस उत्सव में छत्तीसगढ़ और देश में पिछले 75 वर्ष में विनिर्माण और निर्यात के क्षेत्र में हुई प्रगति और इसे सतत रूप से आगे बढ़ने के संबंध में जानकारी दी गई.

गौरतलब है कि राजधानी रायपुर में आजादी की 75वीं वर्षगांठ के अवसर पर 21 एवं 22 सितंबर को दो दिवसीय वाणिज्य उत्सव का आयोजन किया जा रहा है. इस अवसर पर उद्योग विभाग के सचिव आशीष भट्ट, सीएसआईडीसी के प्रबंध संचालक पी. अरूण प्रसाद, शेफिक्सल वाईस चेयरमैन डॉ. लाल हिंगोरानी सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे.

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मिल्खा सिंह ज्ञानी

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