बाइक चलाने से मना करने पर पिता की हत्या, घर के पास ही दफना दिया

रेंगाखार जंगल थाना क्षेत्र के ग्राम घानीखुंटा की घटना
राजनांदगांव. रेंगाखार जंगल थाना क्षेत्र के ग्राम घानीखुंटा में एक दिल दहला देने वाला मामला सामने आया है। जहां एक बेटे ने माेटर साइकिल चलाने से मना करने पर अपने ही पिता की निर्मम हत्या कर दी। हत्या के बाद लाश को गड्ढा खोदकर दफना दिया। बुधवार को मामले का खुलासा हुआ, तो पुलिस ने आरोपी बेटे को गिरफ्तार कर लिया।
घटना रविवार 5 सितंबर की सुबह 6 बजे की है। मृतक प्रभुलाल वर्मा (53) ग्राम घानीखुंटा का रहने वाला था। उसके दो बेटे हैं, बड़ा बेटा कैलाश वर्मा (22) और छोटा बेटा सोनू (6) है। मृतक के पास एक मोटर साइकिल है। बड़े बेटे कैलाश की अपने पिता प्रभुलाल से बनती नहीं थी। जब भी वह मोटर साइकिल चलाने के लिए मांगता, तो उसके पिता मना कर देते थे। टीवी भी देखने नहीं देता था। इसे लेकर वह अपने पिता से खासा नाराज था। 4 सितंबर की रात कैलाश शराब के नशे में धुत घर पहुंचा। इसी बात को लेकर रविवार सुबह प्रभुलाल का अपने बेटे कैलाश से झगड़ा हाे गया। आरोपी कैलाश ने तैश में आकर रस्सी से गला कसकर अपने पिता की हत्या कर दी। वारदात के बाद घर से करीब 100 मीटर दूर सुनसान इलाके में गड्ढा खोदकर शव को दफना दिया। वारदात के करीब 4 दिन पहले ही आरोपी कैलाश अपने छोटे भाई के साथ पिता के घर रहने के लिए आया था।
सरपंच पति को बताया मेरे पिता लापता हो गए
वारदात के तीसरे दिन मंगलवार को आरोपी बेटे कैलाश ने सरपंच पति फगन सिंह सैयाम को अपने पिता के लापता हाेने की जानकारी दी। रिश्तेदारों के यहां पूछताछ की, लेकिन वो वहां नहीं गए। बुधवार को सरपंच पति व ग्रामीण उसे आसपास ढूंढना शुरू किया। ढूंढते- ढूंढते गांव के बाहर आकर अटक गए। वहां दोबारा पाटा गया था। रेंगाखार थाने के टीआई राकेश लकड़ा व तहसीलदार सीताराम कंवर की मौजूदगी में ग्रामीणों ने खुदाई कर शव को बाहर निकाला। शव सड़ने की स्थिति में था।
नागपुर से एक महीने पहले ही लाैटा था आरोपी, तेलीटोला में नाना के घर रहता था
पूछताछ में पता चला कि आरोपी कैलाश वर्मा कमाने- खाने के लिए नागपुर (महाराष्ट्र) गया था। एकाध महीने पहले ही लौटा था और तेलीटोला में अपने नाना- नानी के घर रह रहा था। उसकी मां भी पिछले 9-10 महीने से वहीं थी।हत्या के बाद लाश को घर में छिपाया, खाना बनाकर भाई को खिलाया, वो खेलने गया तब लाश को ठिकाने लगाया
मेरे पिता शराब पीने वालों को पसंद नहीं करते थे। मैं जब भी उनसे मोटर साइकिल मांगता, तो वे मना कर देते। टीवी भी देखने नहीं देते थे। पिता के नाम पर 5 एकड़ जमीन है, जिसे अपने नाम ट्रांसफर करना चाहता था। घटना वाले दिन दोनों के बीच इन्हीं बातों को लेकर झगड़ा हुआ। मैंने रस्सी से गला कसकर अपने पिता की हत्या कर दी। घटना के वक्त मेरा छोटा भाई घर में ही सोया था। उसके उठने से पहले ही मैंने लाश को घर के एक कोने में छिपा दिया। उसके बाद खाना पकाया। छोटे भाई सोनू को खाना खिलाया और खुद भी खाया। फिर जब छोटा भाई खेलने के लिए बाहर चला गया, तब दोपहर करीब 12 बजे लाश को उठाकर घर के पीछे करीब 100 मीटर दूर ले गया। वहां महुआ पेड़ के नीचे गड्ढा खोदकर शव को दफना दिया। उस जगह पर पेड़ की टहनियों व पत्तों से ढंक दिया था। ताकि किसी को पता न चले।




