संघर्ष समिति संघर्ष करो

सरायपाली- फुलझर अंचल के निवासियों ,और फुलझर जिला निर्माण संघर्ष समिति सरायपाली, बसना, सांकरा के लोगो को फुलझर क्षेत्र में जिला के लिए जन आन्दोलन को तेज करना होगा। अगर नही करेंगे तो फुलझर क्षेत्र जिला बनने से चूक जायेगा। क्योंकि आज सक्ति (जिला जांजगीर चांपा) विधानसभा के विधायक एवम विधानसभा अध्यक्ष माननीय महोदय चरणदास महंत जी का बयान आया है, कि विधानसभा चुनाव से पहले छत्तीसगढ़ में 36 जिले हो अभी वर्तमान में 28+4=32 है और 4 जिले बनाना बाकी है। जो विधानसभा अध्यक्ष ने सीधा मुख्यमंत्री को 4 जिला बनाने का सुझाव दिया है।4 जिला बनाने की चर्चा है जिसमे 1. पत्थलगांव। 2.भाटापारा 3. भानुप्रतापुर। 4. प्रतापपुर _वाड्रफनगर जिला बनाने का नाम बयान आ रहा है। उसमे सरायपाली का नाम नहीं आ रहा है। इससे फुलझर क्षेत्र की जनता कई वर्षों से जिला बनाने की मांग की जारी है। लेकिन किसी भी पार्टी की सत्तासीन सरकार ने सरायपाली (फुलझर क्षेत्र) को जिला बनवाने की कोई पहल नहीं की है। इससे जनता काफी नाराज है और अपने आपको ठगा महसूस कर रहे है। सरायपाली बस स्टैंड से जिला मुख्यालय की दूरी 120 किलोमीटर है। जबकि हाल ही में जिला घोषणा हुए सारंगढ़ से जिला रायगढ़ की दूरी मात्र 50 या,55 किमी है। जबकि सरायपाली से महासमुंद की दूरी 120 किमी है। इसमें जनता को क्या लाभ मिलेगा जिसमे सत्तासीन विधायक और सरकार कुछ नही कर सकती है। इससे अब जनता को तीसरे विकल्प पर आना पड़ेगा। अबकी बार सरकार सरायपाली को जिला नही बनाने की स्थिति में जनता अगले विधानसभा चुनाव में मजा चखाएगी। डूब मरो फूलझर क्षेत्र के नेताओं सरायपाली सभी दृष्टि से सम्पन्न होने के बावजूद जिला घोषित नही हुआ और जिला नही बनवा पा रहे हो। कुछ तो शर्म करो नेताओं। वैसे तो सरायपाली को तबसे जिले की मांग की जा रही थी, जब वर्तमान में बने जितने जिले जिला बनाने के लिए संघर्ष नहीं किये थे। वे जिले आज बन चुके है। फुलझर क्षेत्र को जिला बनाने के लिए जनसंघ के जमाने से जिला बनाने का आंदोलन चलता आ रहा है। लेकिन इस क्षेत्र के जनप्रतिनिधि और बड़े-बड़े उद्योगपति चाहते है, कि फुलझर क्षेत्र कभी भी जिला नही बने। जबकि फुलझर को जिला बनाने के लिए जब मौका आया तब इन्हीं लोगो ने मिलकर रायपुर जिला से अलग फुलझर क्षेत्र को जिला न बनाकर महासमुंद को बना दिया गया है। फिर भी किसी संघर्ष समिति ने इसका विरोध नही किया क्यों? इस करके फुलझर क्षेत्र के तमाम जनप्रीतिनिधि और जनता जनार्धन अपना संघर्ष तेज़ नही करती है, तब तक फुलझर को जिला बनाना संभव नही है।
चिराग की चिंगारी बजरंग लाल सेन ….
