आदिवासी हितेषी होने का ढोंग रचना बंद करें हरीश कवासी, 165 लोगों पर दर्ज एफ.आई.आर. वापस ले सरकार उनकी हैं – मनीराम कश्यप

सर्व आदिवासी समाज छत्तीसगढ़, जिला बस्तर के आह्वान पर पूर्व सांसद दिनेश कश्यप , पूर्व कैबिनेट मंत्री केदार कश्यप एवं प्रभावित हजारों ग्रामीण आदिवासियों ने पैदल यात्रा कर राज्यपाल के नाम सौंपा ज्ञापन

जिला पंचायत उपाध्यक्ष मनीराम कश्यप ने किया कवासी लखमा के आदिवासी विरोधी बयान का पलटवार

सर्व आदिवासी समाज छत्तीसगढ़, जिला बस्तर एवं प्लांट प्रभावित ग्राम संघर्ष समितियों के संयुक्त आह्वान पर हजारों ग्रामीणों ने बस्तर बागबाहर चौक पर एकत्रित होकर चपका काकडी घाट क्षेत्र में प्रस्तावित स्पंज आयरन प्लांट के प्रभावित 12 ग्रामों के लगभग 25000 आदिवासियों को न्याय दिलाने हजारों की संख्या में आदिवासियों ने नेशनल हाईवे में पैदल यात्रा कर राज्यपाल के नाम ज्ञापन सौंपा था।

जिला पंचायत बस्तर उपाध्यक्ष मनीराम कश्यप ने कांग्रेस नेता हरीश कवासी के आदिवासी विरोधी बयान का पलटवार करते हुए कहा कि गांव गांव में अस्पताल, स्कूल आंगनबाड़ी, राशन दुकान और सड़कों का विकास भाजपा के 15 वर्षों के शासनकाल की देन है, हरीश कवासी जिस सड़क पर से चलते हैं भाजपा सरकार के शासनकाल में बनी सड़कें हैं, आदिवासियों को संवैधानिक अधिकार और वन अधिकार पट्टा भाजपा की पूर्ववर्ती सरकार ने दिया, कांग्रेस के शासनकाल में बस्तर के आदिवासियों को दिल्ली में नाचने ले जाया करते थे किंतु भाजपा की दूरदर्शिता सोच के परिणाम स्वरूप बस्तर से लेकर सरगुजा तक के आदिवासी आई.ए.एस, आई.पी.एस. और अन्य बड़ी बड़ी महत्वपूर्ण परीक्षाओं की तैयारी करने दिल्ली जाते हैं।

सुकमा जिला पंचायत अध्यक्ष हरीश कवासी व उनके पिता आबकारी मंत्री कवासी लखमा अपने गृह क्षेत्र सीलगेर में देश को दहला देने वाली घटना होती है चार बेगुनाह आदिवासियों पर गोली चलाई जाती है, उनका जमीन छीना जाता है हजारों की संख्या में आदिवासी बरसात में धरने पर बैठे रहे ना गृहमंत्री ना हरीश को झांकने तक फुर्सत मिला, आदिवासियों को न्याय दिलाने पूर्व मंत्री केदार कश्यप के साथ हजारों ग्रामीण सड़क पर उतरे तो कांग्रेसियों के पेट में असहनीय दर्द क्यों होने लगी जानता सब समझ रही हैं।

मनीराम कश्यप ने कहा पूर्व मंत्री केदार कश्यप जी ने मंत्री रहते हुए आदिवासियों क्रमिक विकास के लिए अनेकों महत्वपूर्ण कल्याणकारी कार्य की जिसे बताने की आवश्यकता नहीं है केदार कश्यप सत्ता में थे तब भी आदिवासियों के लिए लड़ाई लड़ते रहे और आगे भी लड़ते रहेंगे।

चपका मामले में आदिवासियों की सुध लेने क्यों नहीं पहुंचे हरीश कवासी, ए.सी. रूम में बैठकर कर रहे हैं ओछी बयान बाजी- चंद्रूराम बघेल

चपका प्लांट संघर्ष समिति अध्यक्ष श्री चंदूराम बघेल ने कहा कि पूंजीपतियों के इशारे पर कोरोना काल में और धारा 144 प्रभावशील होने के बावजूद प्रभावित ग्राम के भोले भाले आदिवासियों को सरकार जनसुनवाई में बुलाकर षडयंत्र पूर्वक 165 आदिवासियों पर गैर जमानती धारा लगवाती है यही नहीं बल्कि प्रशासन पुलिस की बंदूक दम और लाठी की नोक पर दबाव बनाने की कोशिश करती रही तब आदिवासियों की पीड़ा जानने और न्याय दिलाने हरीश कवासी क्यों चपका नहीं आए ये राजनीतिक स्वार्थ पूर्ति के लिए आदिवासी हितेषी होने का ढोंग रचना बंद करें वास्तव में हितेषी है तो प्लांट के विरोध में प्रभावितों के साथ खड़े हो और 165 बेगुनाह लोगों पर दर्ज एफ.आई.आर. वापस लें।

बस्तर से पवन नाग की रिपोर्ट…..

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मिल्खा सिंह ज्ञानी

एडिटर-इंडिया007न्यूज मो.+91 98279 34086

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