तीज पर्व में पत्नी पति की लंबी उम्र के लिए रखती है व्रत – श्रीमती शीला टाकेश सिन्हा

▶️ कहा – सभी तिजहारीन महिलाओं को तीज पर्व की बधाई👇
💥राजनांदगांव । तीज पर्व महिलाओं के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण व्रत होता है जनपद पंचायत क्षेत्र क्रमांक 10 के जनपद सदस्य श्रीमती शीला टांकेश सिन्हा कहा कि सभी तिजहारीन महिलाओं को तीज पर्व की बधाई देते हुए कहा कि धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, हरियाली तीज का व्रत पति की लंबी उम्र के लिए रखा जाता है मान्यता यह भी है कि अगर इस दिन कुंवारी कन्याएं निर्जला व्रत रखकर भगवान शिव और मां गौरी की विधिवत पूजा-अर्चना करती हैं, तो उन्हें योग्य वर प्राप्ति का आशीर्वाद प्राप्त होता है सुबह जल्दी उठने के बाद स्नान करें और पूजा के लिए हरे रंग के कपड़े पहनें। पूजा कक्ष या चौकी / वेदी को गंगाजल से साफ करें। चौकी को सफेद या लाल कपड़े के ताजे टुकड़े से ढक दें। प्राकृतिक मिट्टी से भगवान शिव, देवी पार्वती और भगवान गणेश की मूर्तियां बनाएं।
श्रीमती सिन्हा ने आगे कहा कि निर्जला व्रत और भगवान शिव और माता पार्वती जी की विधि पूर्वक पूजा करने का विधान है। इस दिन व्रत के साथ-साथ शाम को व्रत की कथा सुनी जाती है। माता पार्वती जी का व्रत पूजन करने से धन, विवाह संतानादि भौतिक सुखों में वृद्धि होती है। सावन मास के शुक्लपक्ष की तृतीया तिथि को महिलाएं शिव-पार्वती का विशेष पूजन करती हैं, वही हरियाली तीज कहा जाता है। देश के बड़े भाग में यही पूजन आषाढ़ तृतीया को मनाया जाता है उसे हरितालिका तीज कहते हैं। दोनों में पूजन एक जैसा होता है अत: कथा भी एक जैसी है। श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया को श्रावणी तीज कहते हैं। परन्तु ज्यादातर लोग इसे हरियाली तीज के नाम से जानते हैं। यह त्योहार मुख्य रूप से उत्तर भारत में मनाया जाता है। इस दिन स्त्रियां माता पार्वती जी और भगवान शिव जी की पूजा करती हैं। निर्जला व्रत रखती हैं। इस व्रत को करवा चौथ से भी कठिन व्रत बताया जाता है। इस दिन महिलाएं पूरा दिन बिना भोजन-जल के दिन व्यतीत करती हैं तथा दूसरे दिन सुबह स्नान और पूजा के बाद व्रत पूरा करके भोजन ग्रहण करती हैं। विवाहित स्त्रियां अपने पति की दीर्घायु के लिए व्रत रखती हैं। इस दिन स्त्रियों के मायके से श्रृंगार का सामान और मिठाइयां उनके ससुराल भेजी जाती है। हरियाली तीज के दिन महिलाएं सुबह घर के काम और स्नान करने के बाद सोलह श्रृंगार करके निर्जला व्रत रखती हैं। इसके बाद मां पार्वती और भगवान शिव की पूजा होती है। पूजा के अंत में तीज की कथा सुनी जाती है। कथा के समापन पर महिलाएं मां गौरी से पति की लंबी उम्र की कामना करती है। इसके बाद घर में उत्सव मनाया जाता है और भजन व लोक नृत्य किए जाते है। इस दिन हरे वस्त्र, हरी चुनरी, हरा लहरिया, हरा श्रृंगार, मेहंदी, झूला-झूलने का भी रिवाज है। जगह-जगह झूले पड़ते हैं। इस त्योहार में स्त्रियां हरी लहरिया न हो तो लाल, गुलाबी चुनरी में भी सजती हैं, गीत गाती हैं, मेंहदी लगाती हैं,श्रृंगार करती हैं, नाचती हैं। हरियाली तीज के दिन अनेक स्थानों पर मेले लगते हैं और माता पार्वती की सवारी बड़े धूमधाम से निकाली जाती है।💥
✒देवेन्द्र कुमार देवांगन📞