पूर्व कैबिनेट मंत्री डॉ हरिदास भारद्वाज ने जनता कांग्रेस से
राज्यसभा के लिये नामांकन भरा।

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- जनता कांग्रेस ने इसे “दिल्ली के हाईकमान बनाम छत्तीसगढ़वासियों के मान” की नैतिक लड़ाई बताया।
- दिल्ली से थोपे गये दो बाहरी प्रत्याशियों को छत्तीसगढ़ से राज्यसभा जाने से रोकने, जनता कांग्रेस ने की कांग्रेस, भाजपा और बसपा विधायकों से अपील।
रायपुर, 31 मई, 2022: दिल्ली से कांग्रेस हाईकमान द्वारा छत्तीसगढ़ की दो राज्यसभा सीटों पर दो बाहरियों – राजीव शुक्ला (उत्तरप्रदेश) और रंजीत रंजन (बिहार) को प्रत्याशी बनाये जाने के विरोध में आज जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) ने छत्तीसगढ़ के माटीपुत्र, पूर्व विधायक एवं कैबिनेट मंत्री, पूर्व महामंत्री अखिल भारतीय सतनामी समाज, जेसीसी(जे) केंद्रीय संसदीय बोर्ड के सदस्य एवं आयुर्वेद चिकित्सक डॉ हरिदास भारद्वाज को राज्यसभा के लिये अपना प्रत्याशी बनाया है।डॉ हरिदास भारद्वाज ने आज जनता कांग्रेस के तीनों विधायकों- श्रीमती रेणु जोगी, श्री धरमजीत सिंह एवं प्रमोद शर्मा की उपस्थिति में छत्तीसगढ़ विधानसभा पहुँचकर अपना नामांकन दाखिल किया।राज्यसभा नामांकन के लिये विधानसभा में दल के विधायक संख्या का 10% प्रस्तावक होना अनिवार्य है। जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) के तीनों विधायकों यानि पार्टी के 100% विधायकों ने डॉ हरिदास भारद्वाज के प्रस्तावक के रूप में हस्ताक्षर किये और नामांकन के दौरान उपस्थित रहे।
इस अवसर पर जेसीसी(जे) के वरिष्ठ नेता, पूर्व विधानसभा उपाध्यक्ष तथा लोरमी विधायक श्री धर्मजीत सिंह ने कहा कि “कांग्रेस पार्टी तीन करोड़ छत्तीसगढ़वासियों में से किसी को भी राज्यसभा भेजती तो हमे उसमे कोई आपत्ति नहीं थी, ये उनका आतंरिक विशेषाधिकार है । लेकिन इस तरह कांग्रेस हाईकमान द्वारा दिल्ली में दरबार लगाकर दो बाहरी प्रत्याशियों को थोप देना, स्थानीय कांग्रेसी नेताओं की गरिमा और तीन करोड़ छत्तीसगढ़वासियों की योग्यता का अपमान है। इसके पूर्व भी केटीएस तुलसी को कांग्रेस ने राज्यसभा में भेज दिया था। इस तरह बाहरी लोगों को बार बार थोपकर राज्यसभा में भेजने की परंपरा, छत्तीसगढ़ की अस्मिता को नीचा दिखाना है। आखिर अपनी कुर्सी बचाने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल कब तक छत्तीसगढ़ की अस्मिता का सौदा करेंगे ? इसी राजनितिक कठपुतलीबाजी के चलते दिल्ली में बैठे हाईकमान की हिम्मत बढ़ रही है और छत्तीसगढ़ का मान गिर रहा है। हमारी लड़ाई नैतिकता पर आधारित है।ये “दिल्ली के हाईकमान बनाम छत्तीसगढ़वासियों के मान” की लड़ाई है”। हम दोनों राष्ट्रीय दलों और बसपा के विधायकों से निवेदन करते हैं कि वो अपनी अंतरात्मा की आवाज़ सुनें और थोपे गए दोनों बाहरी प्रत्याशियों को राज्यसभा जाने से रोकें।
जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) के राज्यसभा प्रत्याशी डॉ हरिदास भारद्वाज ने अपने वक्तव्य में कहा कि “मैं हार-जीत के लिए या किसी राजनीति के लिए नही बल्कि, मैं छत्तीसगढ़ के मान-सम्मान को बचाने के लिए अपना नामांकन दाखिल कर रहा हूँ। हमारी लड़ाई उस दिल्ली दरबारी सोच के विरुद्ध है जो सोचते हैं कि छत्तीसगढ़ और भोले छत्तीसगढ़वासियों के साथ कितना भी अन्याय कर लो, वो मुंह नही खोलेंगे और सिर झुकाके चुपचाप हर बात मानेंगे। बाहरी प्रत्याशियों को थोपना, छत्तीसगढ़वासियों की योग्यता का अपमान है और इसे चुपचाप स्वीकारना मेरे जमीर को गंवारा नही है । मैंने माननीय अजीत जोगी के आदर्शों से सीखा है, “जीवन में कुर्सी से बड़ी खुद्दारी है और अपनी माटी के प्रति वफादारी है”। जहां तक संख्या बल की बात है, कांग्रेस के पास तो केवल 71 कठपुतली विधायक हैं, मेरे साथ तीन करोड़ छत्तीसगढ़वासी हैं और परम पूज्य बाबा गुरुघासीदास जी का आशीर्वाद”।
रायपुर से शेख मुश्ताक की रिपोर्ट *****