छग शासन के सचिव डीडी सिंह के खिलाफ दण्डात्मक कार्रवाई की मांग


इंडिया007 न्यूज सच का सामना का असर
महासमुंद। हमारे द्वारा 18 मई 2022 को आधा दर्जन भ्रष्ट आई.ए.एस. अधिकारियों पर कांग्रेस के मुख्यमंत्री भुपेश बघेल मेहरबान क्यों का प्रकाशन किया था………..

राज्य शासन द्वारा छत्तीसगढ़ खादी एवं ग्रामोद्योग बोर्ड में प्रतिनियुक्ति पर प्रबंध संचालक बनाई गई श्रीमती रेखा शुक्ला की प्रतिनियुक्ति तत्काल समाप्त किये जाने और नियम विरूद्ध प्रतिनियुक्ति आदेश जारी करने वाले सामान्य प्रशासन विभाग छग शासन के सचिव डीडी सिंह सहित अनियमिक आदेश के परिपालन में शामिल अधिकारियों के खिलाफ दण्डात्मक कार्यवाही की मांग को लेकर प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी तथा केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को पत्र प्रेषित किया गया है।
ज्ञातव्य है कि छत्तीसगढ़ खादी एवं ग्रमोद्योग बोर्ड में प्रबंध संचालक का पद एक संवर्गीय पद है। जिस पर नियमानुसार किसी आई.ए.एस. कैडर के अधिकारी की ही पदस्थापना की जा सकती है। शासन के ग्रामोद्योग बोर्ड के भरती नियम की अनुसूची 1 में यही प्रावधान है। नियम की अनुसूची तीन के तहत प्रबंध संचालक के पद को नियुक्ति से भरा जाना है। लेकिन श्रीमती रेखा शुक्ला के मामलों में इसका भी पालन नहीं किया गया है।
श्रीमती रेखा शुक्ला खादी ग्रामोद्योग में सरकार के उपक्रम इंडिया इन्फ्रास्ट्रक्चर फाईनेंस कंपनी लिमिटेड नई दिल्ली में महाप्रबंधक के पद पर कार्यरत थी। श्रीमती शुक्ला का प्रतिनियुक्ति आदेश छग शासन में सामान्य प्रशासन विभाग के सचिव डीडी सिंह द्वारा गत वर्ष दिनांक 13/05/2021 को जारी किया गया है।
प्रतिनियुक्ति हेतु सामान्य प्रशासन द्वारा संधारित नोट सीट में यह टिप्पणी अंकित है कि छत्तीसगढ़ मंत्रालय में अवर सचिव, उप सचिव तथा संयुक्त के रिक्त पदों पर केंद्रीय सचिवालय के अधिकारियों की सेवायें 3 से 5 वर्षों के लिए ली जा सकती है तथा भारत सरकार और राज्य सरकार की सहमति से अवधि में वृद्धि की जा सकती है। लेकिन नोटसीट में भारत सरकार के किसी उपक्रम के अधिकारियों को प्रतिनियुक्ति में किसी संवर्गीय या अन्य पदों में लिये जाने के नियम का उल्लेख नहीं किया गया है। यद्यपि छत्तीसगढ़ में प्रतिनियुक्ति में सेवायें देने हेतु श्रीमती रेखा शुक्ला के अनुरोध का भी जिक्र अवश्य किया गया है।
उक्त नोटसीट में श्रीमती शुक्ला की सेवाये प्रतिनियुक्ति में लेने हेतु वित्त मंत्रालय भारत सरकार को पत्र प्रेषित किया जाना प्रतिवेदित है। लेकिन भारत सरकार को पत्र ना भेजकर इंडिया इन्फ्रास्ट्रक्चर फाईनेंस कंपनी को 12 मार्च 2021 को पत्र प्रेषित किया गया। पत्र मिलने के बाद कंपनी के महाप्रबंधक गौरव कुमार द्वारा छत्तीसगढ़ शासन के उप सचिव जेएस राजपूत की 22 मार्च को प्रेषित पत्र में सूचित किया गया कि श्रीमती रेखा शुक्ला की सेवायें छत्तीसगढ़ राज्य को प्रतिनियुक्ति में सौपने में कोई आपत्ति नहीं है। लेकिन प्रतिनियुक्ति दोनों संगठनों के बीच शर्तों पर सहमति के अधीन होगी। कंपनी द्वारा प्रतिनियुक्ति की शर्त उपलब्ध कराने का अनुरोध भी किया गया है। मगर कंपनी को शर्तें उपलब्ध न करा कर सीधे प्रतिनियुक्ति आदेश जारी कर दिया गया। कंपनी द्वारा भी श्रीमती शुक्ला को छग शासन ने संवर्गीय पद पर कार्य करने के लिये भार मुक्त कर दिया गया है।
गौरतलब है कि शासन के सामान्य प्रशासन के द्वारा श्रीमती शुक्ला की प्रतिनियुक्ति के लिये 30 अप्रैल 2021 को सचिव डीडी सिंह द्वारा सिधे मुख्यमंत्री के समक्ष प्रस्तुत कर नोटसीट के पृष्ठ क्रमांक 7 पर स्वीकृति प्राप्त कर ली गई। स्पष्ट है उक्त नस्ती नीचले स्तर से आगे नहीं बढाई गई है। श्रीमती रेखा शुक्ला के नियम विरूद्ध आदेश के खिलाफ 12 फरवरी 2022 को भी मुख्यमंत्री को पंजीकृत पत्र प्रेषित कर सचिव डीडी सिंह के खिलाफ आपराधिक प्रकरण दर्ज कराये जाने की मांग की जा चुकी हैं।
कौन है रेखा शुक्ला..? क्या है पृष्ठभूमि..?
आईएएस कैडर के अधिकारी डॉ आलोक शुक्ला सेवा निवृत्ती के बाद सीधे 3 वर्षों के लिये संविदा नियुक्ति प्राप्त करने वाले शख्स है। जो हजारों करोड़ रूपये के बहुचर्चित खाद्यान्नध् नागरिक आपूर्ति निगम घोटाला में शामिल है। डॉ आलोक शुक्ला को कुछ माह पूर्व खादी ग्रामोद्योग विभाग का भी प्रमुख सचिव बना दिया गया हैं डॉ शुक्ला के प्रभार में अन्य महत्वपूर्ण विभाग एवं प्रभाग भी है इस प्रकार से श्रीमती रेखा शुक्ला की सेवायें अब उसके पति के विभाग के अधीन हैं।
उल्लेखनीय है कि छग खादी एवं ग्रमोद्योग बोर्ड द्वारा अन्य विभागों को करोड़ों रूपयों के वस्त्र-परिधान आदि की आपूर्ति की जाती है। सर्व विदित है कि ग्रमोद्योग बोर्ड द्वारा ऐसे उत्पादों का थोक मार्केट से क्रय कर सप्लाई किये जाते है। जो उनके उत्पादन केंद्रों में निर्मित नहीं होते। छग का ग्रामोद्योग बोर्ड एक कमिशन ऐजेंट के रूप में काम कर रहा है। तथा इस बोर्ड में प्रबंध संचालक पद पर विशेष महत्व रखता है। ऐसी स्थिति में वित्तीय अनिमित्ताओं की जांच या तो श्रीमती रेखा शुक्ला के पति डॉ आलोक शुक्ला करेंगे अथवा उनके अधीनस्थ अधिकारी।
जवाब मांगते, सुलगते सवाल–!
0 क्या किसी कंपनी में कार्यरत अधिकारी राज्य शासन के अधीन संचालित किसी विभाग या अन्य संस्था के संवर्गीय पद (आई.ए.एस. कैडर के लिये आरक्षित) पद पर प्रतिनियुक्ति में अपनी सेवायें उस स्थिति में भी दे सकता है, जब भरती नियमों में ऐसा प्रावधान ही न हो ?
0 छग शासन के सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा भारत सरकार, वित्त मंत्रालय को पत्र प्रेषित किया जाना प्रतिवेदित होने के बावजूद कंपनी को पत्र क्यों भेजा गया ?
0 दोनों संगठनों के बीच प्रतिनियुक्ति की सेवाओं की शर्तों का निर्धारण क्यों नहीं किया, जैसा कि दिनांक 22.03.2021 को जारी कंपनी के पत्र में अभिवर्णित है।
0 क्या भारत सरकार के वित्त मंत्रालय की अनुमति के बिना श्रीमती रेखा शुक्ला को कंपनी से भारमुक्त किया जाना उचित था ?
0 क्या भारत सरकार की अनुमति के बिना कंपनी के महाप्रबंधक गौरव कुमार द्वारा अपने पदीय सामर्थ्य में प्रतिनियुक्ति देना नियमानुकूल माना जाना चाहिये ?
0 क्या श्रीमती रेखा शुक्ला द्वारा प्रतिनियुक्ति हेतु आवेदन पत्र उचित माध्यम से प्रेषित किया गया था

पूरे मामले की विस्तृत जानकारी और दस्तावेजों के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और वित्त मंत्री निर्मला सितारमण तथा भारत सरकार को वित्त मंत्रालय को पत्र लिखकर किसान मजदूर संघ छग के संयोजक ललित चंद्रनाहू ने श्रीमती रेखा शुक्ला की प्रतिनियुक्ति आदेश को तत्काल निरस्त किये जाने के साथ प्रतिनियुक्ति की प्रक्रिया को अंजाम तक पहुंचाने के लिये सामान्य प्रशासन विभाग के प्रति डीडी सिंह और अन्य अधिकारियों के खिलाफ दण्डात्मक कार्रवाई की मांग की है।
सभार🙏

बजरंग लाल सैन विशेष संवाददाता