हम भारतीयों को जितना चीट अंग्रेज़ों ने नहीं किया उससे ज़्यादा कॉंग्रेसियो ने किया है!


“अहिंसा परमो धर्म” का उपदेश देने वाले “बापू महात्मा” 1899 में ब्रिटिश-आर्मी में सार्जेन्ट-मेजर थे!
1899-1902 तक और 1906 में गाँधी अफ्रीका में ब्रिटिश आर्मी की “ब्रिटिश एम्बुलेंस कॉप्स” का हिस्सा थे और जनाब ने बड़ी संख्या में भारतीयों को ब्रिटिश आर्मी ज्वाइन करने की प्रेरणा दी थी!
इनकी जबरदस्त सेवा के बदले ब्रिटिश ने इनको 2 अवार्ड भी दिए थे!
1- बोअर वार मैडल
2- सर्विस मेडल

तभी मैं सोचूँ कि सबसे तगडी वाली लड़ाई तो “बापू” अंग्रेज़ों से लड़ रहे थे फिर भी ब्रिटिश हुकूमत इनको और इनके चेले नेहरू को कैद करके 5* सुविधा वाले आगाशाही पैलेस में
क्यों रखती थी और सावरकर को कालापानी क्यों दी जाती थी? भगत सिँह, खुदीराम को फांसी क्यों दी जाती थी? बाद में जाते जाते सत्ता की चाबी इसे और चेलों को दे दी?
सभार🙏

चिराग की चिंगारी
बजरंग लाल सैन

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मिल्खा सिंह ज्ञानी

एडिटर-इंडिया007न्यूज मो.+91 98279 34086

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