एसईसीएल कोरबा के अधिकारी कमीशन खोरी में लिप्त,ठेकेदार की मनमानीपूर्ण रवैया


कोरबा। एसईसीएल कोरबा के द्वारा हर वर्ष मेंटेंनेंस के नाम पर करोड़ों रुपया के फंड जारी किया जाता है,लेकिन ठेकेदार व आधिकारी द्वारा मिलीभगत से कमीशनखोरी के चक्कर में गुणवत्ताहीन कार्य कराया जाता है। ताकि ठेकेदार से मोटी रकम मिल सके। वही सूत्रों की माने तो इस क्षेत्र में कई कथाकतिथ दलाल है। जो मीडियाकर्मियों को मैनेज करने के नाम से लाखों रुपया आधिकारी व ठेकेदार से समय-समय पर लेते रहते है। अगर कोई मीडिया वाले यहां खबर बनाने पहुंच जाता है। तो उसे खबर नहीं चलाने के नाम पर ऑफर तक दे डालते है,नही तो फिर अपने आका के नाम लेकर अपने नेता के ऊंची पहुंच का हवाला देते है। ताकि डराया जा सके। वहीं एसईसीएल के अधिकारी अगर एसईसीएल क्षेत्र में कुछ भी घटनाएं घटती हैं,तो आधिकारी न तो मीडिया से बात करते है और न ही कुछ जानकारी देते है। ऐसे में सवाल उठता है कि एसईसीएल के अधिकारी मामला को दबाने का प्रयास क्यों करते है, क्योंकि उजागर ना हो जाए। जबकि मामला एसईसीएल मुड़ापार हॉस्पिटल से संबंधित है, वही 6 मई को सुबह लगभग 7 बजे हॉस्पिटल का दीवार भरभरा कर गिर गया। वही घटना की जानकारी होने के बाद मीडियाकर्मी वहा पहुंचे थे। और घटना का वीडियो,फोटो बनाने के बाद आधिकारी से पक्ष जानने के लिए पहुंचे तो पत्रकारों से अधिकारी ने बात करने से मना कर दिया। उसके बाद कथाकथित एक दलाल ने अपने पहुंच का हवाला देते हुए खबर नहीं लगाने को कहा,अगर कुछ जरूरत है तो बताओं मैं मैनेज करवा दूंगा। वही लोगों ने बताया कि हॉस्पिटल के लिए बने हुए दिवाल से स्विफ्ट डिजायर गाड़ी के ऊपर दिवाल के गिरने से गाड़ी का काफी नुकसान हुआ है। वही इस तरह की घटनाएं से एसईसीएल के भ्रष्ट अधिकारियों पर सवाल उठना लाजमी है। ऐसे भ्रष्ट अधिकारी के खिलाफ एसईसीएल के आला अधिकारी आखिर क्यों कार्यवाही नहीं करते है।










